विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण को लेकर मनेगा जश्न, निकलेगी शिव बारात, 1983 में निकली थी पहली बार बारात...

Celebrations will be held for the inauguration of Vishwanath Corridor. Shiv procession will come out, The first procession took place in 1983. विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण होने से पहले से शहर में उल्लास का माहौल तैयार कर दिया जाएगा।

विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण को लेकर मनेगा जश्न, निकलेगी शिव बारात, 1983 में निकली थी पहली बार बारात...
काशी में निकलने वाली शिव बारात। फ़ाइल फोटो

वाराणसी,भदैनी मिरर। देवाधिदेव की नगरी में पूरे धूमधाम और भव्य तरीके से काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण होगा। धाम पूरी तरह तैयार हो चुका है। आगामी 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका लोकार्पण करेंगे।  लेकिन लोकार्पण से पूर्व शिव बारात समिति की ओर से शिव बारात निकालने का निर्णय किया है। हालांकि काशी नगरी में शिव बारात महाशिवरात्रि यानी भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह के मौके पर निकाली जाती है। इसका एक रोचक प्रसंग भी है। 

इसलिए निकाली जाती है शिव बारात

1983 में शिवरात्रि से पूर्व जब विश्वनाथ मंदिर से सोना चोरी हुआ, तब सिर्फ काशीवासी ही नहीं बल्कि देश भर के शिवभक्त दुःखी हो गए। पुलिस चोरी हुए सोने की तलाश में जुटी रही। लेकिन सफलता नहीं मिल रही थी। ऐसे में शिव भक्तों ने चोरी के विरोध में जुलूस निकालने का फैसला किया। काशी के प्रबुद्धजन स्व. के के आनंद एडवोकेट, स्व. पंडित धर्मशील चतुर्वेदी साहित्यकार, स्व. कैलाश केशरी, स्व. मोहम्मद इकराम खां माई डियर, स्व. के एल के चंदानी एडवोकेट, स्व. सुशील त्रिपाठी पत्रकार और समाजसेवी दिलीप सिंह ने इसकी पहल की। तय हुआ था कि अबकी शिवरात्रि से पूर्व जुलूस निकाला जाएगा। इसकी पूरी तैयारी भी हो गई थी। इसी बीच चोरी हुआ सोना मिल गया। ऐसे में शिवभक्तों को लगा कि सारी तैयारी धरी रह जाएगी। सारा खर्च फिजूल हो जाएगा। फिर विचार आया कि अब विरोध प्रदर्शन नहीं बल्कि जश्न मनाया जाएगा और महाशिवरात्रि को शिव बारात निकाली जाएगी। वो भी काशी की गंगा-जमुनी तहजीब के तहत। बारात में शिव विवाह की परंपरा को जीवंत किया जाएगा। तब से हर वर्ष महाशिवरात्रि को शिव बारात निकाली जाती।

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फिर से मनेगा वर्षों पहले जैसा जश्न

प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट पूरा होने पर अब एक बार फिर से जश्न का माहौल बना है। विश्वनाथ मंदिर परिसर को भव्यता मिली है। विकास हुआ है। ऐसे में शिव बारात समिति ने निर्णय लिया है कि विश्वनाथ धाम के लोकार्पण (13 दिसंबर) से दो दिन पहले 11 दिसंबर को शिव बारात निकाली जाएगी। शिव बारात समिति के सर्वेसर्वा दिलीप सिसोदिया ने बताया कि बारात की तैयारी अंतिम चरण पर है। 
 
राज्यमंत्री नीलकंठ तिवारी ने किया था आग्रह

दिलीप सिसोदिया ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश के पर्यटन राज्यमंत्री व शहर दक्षिणी के विधायक डॉ नीलकंठ तिवारी के आग्रह पर 11 दिसंबर को बारात निकालने का निर्णय किया गया है। बारात दोपहर 12 बजे दारानगर स्थित महा मृत्युंजय मंदिर से निकलेगी जो डेढसी पुल तक जाकर विराम लेगी। बारात में शामिल शिव बाराती हर-हर महादेव का उद्घोष कर समूची काशी को शिवमय कर देंगे। सिसोदिया ने बताया कि भगवान शंकर का विवाह त्रियुगी नारायण (उत्तराखंड) में हुआ था। विवाह में  नर-नारी, नारद, किन्नर, देवतागण, भूत-पिशाच सर्प आदि बाराती होंगे। यह बारात उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग के सहयोग से निकाली जा रही है।