BHU के डेयरी फॉर्म, प्रिंटिंग प्रेस और एयरोड्रम के बंद होने की चर्चा को लेकर छात्र नेताओं ने सौंपा ज्ञापन, बोले- महामना के विरासत से कोई...
काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) की डेयरी फॉर्म, प्रिंटिंग प्रेस और एयरोड्रम बंद करने की सिफारिश की खबर के बाद छात्र नेता आशुतोष सिंह इशू के नेतृत्व में शुक्रवार को रजिस्ट्रार को ज्ञापन सौंपा गया.
वाराणसी, भदैनी मिरर। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) की प्रशासनिक सुधार समिति द्वारा 76 पेज की गोपनीय रिपोर्ट में तीन सदस्यीय कमेटी ने विवि के स्थापना के समय स्थापित की गई डेयरी फॉर्म, प्रिंटिंग प्रेस और एयरोड्रम बंद करने की सिफारिश के बाद अंदर ही अंदर विश्वविद्यालय के लोग सशंकित है. यह खबर अखबार में छपने के बाद ही धीरे-धीरे विरोध शुरु हो गया है. छात्र नेता आशुतोष सिंह इशू के नेतृत्व में शुक्रवार को रजिस्ट्रार को ज्ञापन सौंपा गया.
महामना के सिद्धांतों से नहीं हो सकता खिलवाड़
महामना ने विश्वविद्यालय परिसर में डेयरी की स्थापना 1918 में की थी. उनकी यह सोच थी कि गौशाला के प्रति लोग जागरूक हो और उनका गाय के प्रति लगाव बड़े. इस मुद्दे को लेकर छात्र नेताओं ने रजिस्ट्रार से कहा कि यदि व्यवस्थाएं सुदृढ़ नहीं है तो उसे व्यवस्थित करें. बंद करने का मतलब आप द्वारा कमियों को छिपाया जा रहा है.
छात्र नेताओं ने चेताया कि किसी भी दशा में मालवीय जी के धरोहर और उनके मूल्यों - सिद्धांतों से छेड़छाड़ स्वीकार नही किया जाएगा. यदि ऐसा कुछ होता है तो हम छात्र आंदोलन को बाध्य होंगे.
बंद करने का विवि का कोई विचार नहीं
छात्र नेता आशुतोष सिंह 'इशू ' ने बताया कि रजिस्ट्रार ने आश्वस्त किया है कि कमेटी का काम है सुझाव देना. उनका क्रियान्वयन विश्वविद्यालय को करना होता है. विवि डेयरी फॉर्म, प्रिंटिंग प्रेस और एयरोड्रम बंद नहीं करेगा. जो खबरें चल रही है वह भ्रामक है.
बता दें, बीएचयू के प्रिंटिंग प्रेस को वर्ष 1936 में स्थापित किया गया था.
ज्ञापन सौंपने वालों में आशुतोष सिंह यीशु के अलावा राजू राय, शुभम, आशुतोष यादव, सूरज, गुलाम, सुमित, सुनील आदि लोग उपस्थित रहे.