लंका थाने से लापता छात्र शिव की डूबने से हुई है मौत, हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 14 जुलाई को...

Shiva a student missing from the Lanka police station has died due to drowning. The next hearing in the High Court on July 14. लंका थान से लापता छात्र शिव की डूबने से मौत हुई है. हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 14 जुलाई को.

लंका थाने से लापता छात्र शिव की डूबने से हुई है मौत, हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 14 जुलाई को...
लंका थाने से गायब बीएचयू के छात्र शिव त्रिवेदी।

वाराणसी,भदैनी मिरर। लंका पुलिस की अभिरक्षा से गायब काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के छात्र शिव त्रिवेदी के मामलें में गुरुवार को हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान बड़ा खुलासा हुआ। गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच के समक्ष सुनवाई के दौरान अपर शासकीय अधिवक्ता द्वारा बताया गया कि गायब छात्र मानसिक रूप से अस्वस्थ था। वह लंका थाने की पुलिस की अभिरक्षा से निकलकर 15 फरवरी 2020 को रामनगर स्थित तालाब में डूब कर मर गया। इस मामलें में अब अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी।

बता दें, इस मामलें में जिला प्रशासन द्वारा लीपापोती किए जाने के बाद अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ा।

पिता के डीएनए से हुआ मिलान

रामनगर दुर्गामंदिर स्थित पोखरे में अज्ञात शव मिला था, शिनाख्त न होने पर शव की तस्वीर, बाल और दांत को प्रशासन ने सुरक्षित रखा था। जांच के दौरान गायब छात्र के पिता के डीएनए से मिलान करने पर डीएनए समान पाया गया। सरकारी वकील द्वारा विधि विज्ञान प्रयोगशाला गोरखपुर द्वारा तैयार डीएनए रिपोर्ट की कॉपी भी हाईकोर्ट को सौंपी गई। हाईकोर्ट द्वारा कहा गया कि डीएनए रिपोर्ट शपथ पत्र के साथ दें।

6 महीने तक हुई लीपापोती

याचिकाकर्ता सह एडवोकेट सौरभ तिवारी ने हाईकोर्ट के समक्ष दलील दी  कि छात्र की गुमशुदगी की रिपोर्ट 16 फरवरी 2020 को दर्ज करने के बाद संबंधित जांच अधिकारी ने छह महीने तक मामले में कोई जांच ही नहीं की। बल्कि लीपापोती कर विभाग को बचाते रहे। सौरभ तिवारी ने हाईकोर्ट को बताया कि आरटीआई के अनुसार लंका थाने में 13-14 फरवरी 2020 को तीन सीसीटीवी कैमरे क्रियाशील थे। लेकिन, सीसीटीवी फुटेज को जांच में रिकार्ड में नहीं लिया गया।
सौरभ तिवारी ने आगे कहा कि क्या कारण है कि मामले में जांच कर रहे स्थानीय व वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को रामनगर थाने में मृतक छात्र का रिकॉर्ड नहीं मिला। जबकि उसे देश भर में ढूंढा जा रहा था। क्या कुछ छुपाने का प्रयास था।

सीबीसीआईडी कर रही जांच

मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल की अगुवाई वाली डिवीजन बेंच ने मामले को गंभीर मानते हुए अधिवक्ता सौरभ तिवारी से सीसीटीवी डिटेल संबंधी बातों को शपथ पत्र के साथ न्यायालय के समक्ष जमा करने को कहा। गौरतलब है कि अधिवक्ता सौरभ तिवारी के पत्र का संज्ञान लेते हुए 19 अगस्त 2020 को जनहित याचिका दर्ज की गई थी। इसके बाद अक्टूबर 2020 तक स्थानीय वरीय पुलिस अधिकारियों ने मामले की थी। 29 अक्टूबर 2020 को प्रदेश के गृह विभाग ने मामले की जांच सीबीसीआईडी को सौंप दी थी। हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि 14 जुलाई तय की है।