₹42 हजार करोड़ से ज्यादा होगा इस वर्ष राजस्व: आबकारी मंत्री बोले - सबसे बेहतर है UP की शराब नीति, SP को बंद करनी चाहिए आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति...

आबकारी राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार नितिन अग्रवाल ने वाराणसी के सर्किट हाउस में कहा की वर्ष 2022-23 में लक्ष्य ₹42 हजार करोड़ से ज्यादा का राजस्व होगा. आबकारी मंत्री ने कहा की सबसे बेहतर UP की शराब नीति है. समाजवादी पार्टी को आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति बंद करनी चाहिए.

₹42 हजार करोड़ से ज्यादा होगा इस वर्ष राजस्व: आबकारी मंत्री बोले - सबसे बेहतर है UP की शराब नीति, SP को बंद करनी चाहिए आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति...

वाराणसी, भदैनी मिरर। एक भारत, श्रेष्ठ भारत के तहत आयोजित काशी-तमिल संगमम में हिस्सा लेने सोमवार को उत्तर प्रदेश के आबकारी राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार नितिन अग्रवाल सोमवार को वाराणसी पहुंचे. उन्होंने सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत की. कहा की प्रधानमंत्री की प्रेरणा से उत्तर और दक्षिण भारत का जो संगम हो रहा है वह एक एतिहासिक कार्यक्रम है. 

देश में शराब से सबसे ज्यादा राजस्व

नितिन अग्रवाल ने दिल्ली की शराब नीति पर हमला बोलते हुए कहा की सभी जानते है की वहां किस तरह बड़े स्तर पर घोटाला किया गया, और उस प्रकरण में भी जांच भी प्रचलित है. कई लोग जेल भी जा चुके है. उत्तर प्रदेश के शराब नीति की बात करें तो हमारे नीति को तमाम प्रदेशों ने भी अपनाया है. देश में शराब से सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला कोई प्रदेश है तो उत्तर प्रदेश है, जिसका लक्ष्य 42 हजार करोड़ रुपए जिसे हम प्राप्त करेंगे. 

सर्किट हाउस में ही आबकारी मंत्री ने मंडलीय विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. उन्होंने अफसरों के पेंच कसते हुए कहा की राजस्व प्राप्ति लक्ष्य के सापेक्ष शत-प्रतिशत पूर्ति सुनिश्चित करे. जनपदीय अधिकारी नियमित रूप से शराब की दुकानों का नियमित निरीक्षण करें. इस दौरान उन्होंने जौनपुर, गाजीपुर, चंदौली द्वारा लक्ष्य पूर्ण न होने पर नाराजगी जतायी. कहा की अवैध शराब बनाने वालों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध कठोर कार्यवाही करें. 

जनता नहीं कर रही स्वीकार

आजम खान सहित समाजवादी पार्टी (SP) द्वारा लगातार भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर लगाए जा रहे आरोप के प्रश्न पर नितिन अग्रवाल ने कहा की समाजवादी पार्टी को अब आरोप - प्रत्यारोप की राजनीति बंद कर देनी चाहिए. पिछले चार चुनाव समाजवादी पार्टी हारती चली आ रही है. उसे स्वीकार कर लेना चाहिए की जनता अब उन्हें पसंद नहीं कर रही है. चुनाव जनता के बीच लड़ा जाता है, जो अच्छा करेगा वह जीतेगा.