बनारस घराने को बड़ी क्षति, पद्मभूषण पंडित राजन मिश्र का कोरोना से निधन, जाने उन्होंने एक INTERVIEW में क्या कहा था...
वाराणसी, भदैनी मिरर। बनारस के शास्त्रीय घराने से जुड़े पंडित राजन-साजन मिश्र की नामी जोड़ी टूट गई। कोरोना से लड़ते हुए 70 वर्ष की आयु में दिल्ली के सेंट स्टीफंस अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। उन्होंने 70 वर्ष की उम्र में दिल्ली के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। बता दें कि रविवार को पंडित राजन मिश्रा को हृदय में समस्या होने के बाद दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन डॉक्टरों के अथक प्रयास के बाद भी उनकी जान नहीं बचायी जा सकी। इन्हें सन 2007 में भारत सरकार द्वारा कला के क्षेत्र में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था। यह खबर मिलते ही बनारस घराने में शोक की लहर दौड़ गई। काशीवासी राजन मिश्रा के निधन से मर्माहत है।
जाने राजन मिश्रा के बारे में
शास्त्रीय संगीत की नामी जोड़ी में राजन-साजन मिश्र का अपना एक अलग स्थान है। राजन और साजन दोनों भाई है। राजन बड़े थे, दोनों भाई पहलवानी के शौकीन रहे। बचपन में दोनों अखाड़े में मशक्कत कर खुद काे फिट रखते थे और क्रिकेट खेलने का भी बहुत शौक था। एक साक्षात्कार के दौरान बताया था कि उन्हें खेलों में तो रुचि थी ही, जंगल, पहाड़ों और प्रकृति के बीच रहना भी काफी पसंद था।
राजन मिश्र का मानना था कि सही उच्चारण और राग की मर्यादा ही बनारस घराने की खासियत है। बनारस घराने की संगीत विरासत उन्हें
400 साल का इतिहास समेटे हुए है। बताते चले कि दादा जी पंडित बड़े राम मिश्र और पिता पंडित हनुमान मिश्र, चाचाजी गोपाल मिश्र सहित परदादा भी संगीतकार रहे हैं। उनका मानना था कि बनारस एकमात्र घराना है, जहां संगीत की तीनों विधाएं (गायन, वादन और नर्तन) मौजूद हैं। ऐसा दूसरे घरानों में नहीं पाया जाता।
उन्होंने 1978 में श्रीलंका में अपना पहला संगीत कार्यक्रम दिया और इसके बाद उन्होंने जर्मनी, फ्रांस, स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रिया, संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, नीदरलैंड, यूएसएसआर, सिंगापुर, कतर, बांग्लादेश और दुनिया भर के कई देशों में प्रदर्शन किया।