गला घोट कर की गई थी रवि और शुभम की हत्या 

गला घोट कर की गई थी रवि और शुभम की हत्या 

सुनील निगम ने दी थी सुपारी, तीन साल बाद लिया हत्या का बदला

वाराणसी भदैनी मिरर। मिर्जापुर के अहरौरा छातो पहाडी़ में हत्या के बाद फेके गये अधजले वाराणसी के शुभम केशरी और रवि पाण्डेय के शव का  खुलासा एसएसपी अमित पाठक ने मंगलवार को यातायात पुलिस लाइन के सभागार में किया। एसएसपी ने बताया कि घटना मे 5 लोगो की गिरफ्तारी और घटना मे उपयोग किये गये वाहन, कागजाद भी पुलिस ने बरामद कर लिया है।

एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि सर्विलांस टीम और कोतवाली पुलिस ने मुखबीर की सूचना पर चौक के हडहा निवासी सुनील निगम और टंडिया थाना बबुरी निवासी परवेज को लोहटिया से गिरफ्तार कर इनकी निशानदेही पर रमाकांत नगर कलोनी सिगरा स्थित एक मकान से केयरटेकर नीरज पाण्डेय, दिलशेर व गुड्डू को मंगलवार की भोर सवा चार बजे  अपने गिरफ्त मे लिया। रमाकांत कॉलोनी से ही पुलिस ने अभियुक्तों के निशानदेही पर मृतक शुभम केशरी की मोटरसाइकल आधार कार्ड और हेलमेट बरामद किया। पुलिस ने रवि पाण्डेय की काली जाकेट और घटना मे प्रयोग काली जाकेट भी बरामद की है। 


बहनोई की हत्या बनी वजह

एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि पूछताछ मे अभियुक्तों ने बताया कि शुभम केशरी द्वारा वर्ष 2017 में सुनील निगम के बहनोई मोहन लाल निगम की हत्या कर दी गयी थी। जिसका बदला लेने के लिए सुनील निगम ने ठान लिया था और घटना को अंजाम देने के लिए उसने नीरज पाण्डेय व परवेज से 5 लाख रुपये मे सौदा तय किया था। 


शराब और शबाब का दिया था लालच


एसएसपी ने बताया कि पूछताछ में बताया कि तय किये गये सौदे के तहत बीते वर्ष 22 दिसम्बर को नीरज पाण्डेय करीम व दिलशेर ने मिल कर शुभम केशरी को शरीब पीलाने और लड़की से मिलाने के बहाने रमाकांत नगर कलोनी मे बुलाया जिसके बाद शुभम के साथ रवि भी पहुंच गया। 
इसके बाद करीम, दिलशेर और नीरज ने शुभम और रवि कि रस्सी से गला दबा कर हत्या कर दी और लाश को थाना अहरौरा जनपद मिर्जापुर में फेक दिया था और शुभम और रवि के मोबाइल को पानी मे फेक दिया। 


पन्द्रह दिन बाद फेका था लाश पर तेजाब

शुभम केशरी और रवि पाण्डेय का गला घोटने के बाद हत्यारों ने लाश को ठीकाने लगाने के लिए मिर्जापुर के छातो पहाड़ी के पास फेक आये। पन्द्रह दिन तक जब कोई भी हलचल नही हुई तो पांचो ने मिलकर लाश को जलाने की योजना बनाई ताकि सारे सुबूत खत्म हो जाये और पुलिस शक न कर पाये। पुलिस के मुताबिक घटना के 15 दिन बाद 5 जनवरी को सभी फिर उस पहाडी़ पर गये और दोनो की लाश को तेजाब से जला दिया। 


गिरफ्तारी में यह रहे शामिल


इंस्पेक्टर कोतवाली प्रमोद कुमार पाण्डेय, एसएसई विरेन्द्र सिंह, चौकी इंचार्ज सप्तसागर सच्चिदानंद सिंह, सर्विलांस टीम के दरोगा अरूण सिंह, का सन्तोष कुमार यादव शामिल रहे।