मार्ग खोलवाने को लेकर फिर धरना: समाधान न मिलने से स्थानीय जनता और दुकानदार आक्रोशित, मार्ग अवरुद्ध कर अंधविद्यालय के छात्र कर रहे अपनी मांग

मार्ग खोलवाने को लेकर फिर धरना: समाधान न मिलने से स्थानीय जनता और दुकानदार आक्रोशित, मार्ग अवरुद्ध कर अंधविद्यालय के छात्र कर रहे अपनी मांग

वाराणसी, भदैनी मिरर। स्थानीय दुकानदारों और क्षेत्रीय जनता को समस्या का समाधान न मिलने से तीन दिन बाद वह फिर दुर्गाकुंड पुलिस चौकी के पास धरने पर बैठ गए। स्थानीय जनता का कहना है कि पिछले कई दिनों से प्रशासन हमें आश्वासन दे रही है की जल्द समस्या का समाधान हो जाएगा, तीन दिन बाद भी दुर्गाकुंड-लंका मार्ग पर यातायात चालू नहीं कराया जा सका है। जिसके कारण दर्शनार्थियों के आने-जाने में दिक्कत हो रही है, साथ ही स्थानीय दुकानदारों के सामने भी आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।

इमरजेंसी सेवाओं में हो रही दिक्कत

धरने पर बैठे स्थानीय निवासी देवेश वर्मा ने कहा कि दुर्गाकुण्ड मार्ग समस्त आबादी को शहर से व्यवसाय, स्कूल व अपने सरकारी नौकरी से जोड़ता है जिसे चन्द धरना एक्सपेट्स द्वारा बन्धक बना लिया गया। स्थानीय जनता, दर्शनार्थी, दुकानदार, मन्दिर परिवार, स्थानीय वाहन चालकों, नौकरी व स्कूल जाने वाले बच्चों के सामने तथा जो आकस्मिक सेवा में मरीजों को पहुँचाने, ले आने तथा अन्य तमाम लोगों के सामने अब रोजी-रोटी तथा अन्य तमाम समस्याएं उत्पन्न हो गयी है। जो असहनीय है। शासन व प्रशासन इसका जल्द से जल्द हल निकाले।

बदनाम कराने को हमारा विरोध करवाया जा रहा

श्री हनुमान प्रसाद पोद्दार अन्धविद्यालय में कक्षा नौ से बारहवीं तक के बंद किए गए पठन-पाठन को पुनः शुरु कराने की मांग को लेकर धरनारत छात्रों का नेतृत्व कर रहे अभय कुमार का कहना है की जब हमारी आवाज शासन-प्रशासन नहीं सुन रहा तो हम कहा जाए? हम शिक्षा के हक के लिए बैठे है, इसमें गुनाह क्या है? प्रशासन पिछले 20 दिनों से कोई समाधान नहीं निकाल पा रही है, अब हमें अनिश्चितकालीन धरने से हटाने के लिए यह आंदोलन को बदनाम कराने की साजिश रच रहे है। स्थानीय दुकानदारों और क्षेत्रीय नागरिकों से हमारा विरोध करवा रहे है। हम किसी भी हाल में अपने विद्यालय पर भूमाफियाओं और कारोबारियों की नजर नहीं पड़ने देंगे। धड़कन की आखिरी सांस तक, मस्तिस्क की आखिरी सोच तक, गले की आखिरी आवाज तक और रक्त की आखिरी बूंद तक हम इस लड़ाई को लड़ेंगे।