पंडित साजन मिश्र की बिहार कोकिला शारदा सिन्हा को श्रद्धांजलि, कहा- काशी गंगा महोत्सव की निरंतरता ही इसकी खासियत...
पद्म अवॉर्डी पंडित साजन मिश्र ने खास बातचीत में कहा कि, काशी गंगा महोत्सव की निरंतरता ही इसकी खासियत है।
वाराणसी, भदैनी मिरर। वाराणसी के अस्सी घाट पर मंगलवार को गंगा महोत्सव की भव्य शुरुआत हुई। पहले दिन कलाकारों की विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन मोह लिया। इस दौरान बनारस घराने के पद्म भूषण पंडित साजन मिश्र ने भदैनी मिरर से खास बातचीत की।
पद्म अवॉर्डी पंडित साजन मिश्र ने खास बातचीत में कहा कि, काशी गंगा महोत्सव की निरंतरता ही इसकी खासियत है। इस आयोजन से युवा कलाकारों का जुड़ना ही सराहनीय पहल है। काशी की संगीत विधा को आगे बढ़ाने का दामोदार उन्हीं युवा पीढ़ी के कंधों पर है।
पं. साजन मिश्र ने इस दौरान जिला प्रसाशन को सुझाव देते हुए कहा कि शास्त्रीय संगीत के साधक और श्रोता अलग है. ऐसे में एक ही दिन सांस्कृतिक, लोकगायन और बिरहा को करवाना थोड़ा अटपटा सा लगता है. शास्त्रीय विधा के कार्यक्रमों को एक ही करवाना चाहिए और लोकगायन और बिरहा-कव्वाली को अलग दिन करना चाहिए.
बिहार कोकिला को दी श्रद्धांजलि
पं साजन मिश्र ने इस दौरान पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि पेड़ से जब पुराने पत्ते झड़ते है तो नए पत्ते निकलते है, लेकिन शारदा सिन्हा एक बेहतर गायक तो थी ही, इसके साथ ही वो एक शानदार व्यक्तिव की महिला भी थी। एक अच्छा कलाकार और एक अच्छे व्यक्तित्व का होना ईश्वर की कृपा है। शारदा सिन्हा हमारे बीच भले ही ना हो, लेकिन छठ पूजा सहित तमाम वैवाहिक आयोजनों में उनके गीत सदैव हमारे बीच रहेंगे, वो कल भी थी और कल भी हमारे बीच रहेंगी।