हाईकोर्ट के आदेश पर CBCID ने लंका थाने में दर्ज करवाया 8 पुलिसकर्मियों पर मुकदमा, शिव त्रिवेदी के गायब होने से जुड़ा है मामला...
वाराणसी के लंका थाने पर तत्कालीन इंस्पेक्टर सहित 8 पुलिसकर्मियों पर सीबीसीआईडी के निरीक्षक की तहरीर पर मुकदमा कायम करवाया गया है.
वाराणसी,भदैनी मिरर। ढाई साल पहले काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) के विज्ञान संस्थान के बीएससी के छात्र शिव त्रिवेदी के लंका थाने से पहले गायब और फिर रामनगर पोखरे में मृत मिले छात्र के मामले में लंका थाने में तत्कालीन इंस्पेक्टर समेत आठ पुलिसकर्मियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 304-ए सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.
यह मुकदमा CBCID (क्राइम ब्रांच क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट) के इंस्पेक्टर श्यामदास वर्मा की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर दर्ज कराया गया है. इस मुकदमे में तत्कालीन लंका इंस्पेक्टर भारत भूषण तिवारी, दरोगा प्रद्युम्न मणि त्रिपाठी, दरोगा कुंवर सिंह, हेड कांस्टेबल लक्ष्मीकांत मिश्रा, कांस्टेबल ओम कुमार सिंह, शैलेंद्र कुमार सिंह व विजय कुमार यादव और होमगार्ड संतोष कुमार आरोपी हैं.
मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के बड़गड़ी गांव का निवासी शिव कुमार त्रिवेदी छित्तूपुर स्थित एक लॉज में किराये पर कमरा लेकर रहता था. 13 फरवरी 2020 की रात BHU कैंपस स्थित खेल मैदान के समीप शिव अकेला गुमसुम बैठा हुआ था. वहां से गुजर रहे एक अन्य छात्र अर्जुन सिंह ने किसी अनहोनी की आशंका से 112 नंबर पर सूचना दे दी. पुलिस रिस्पांस व्हीकल आया और शिव को लेकर लंका थाने चला गया. 14 फरवरी को शिव लंका थाने से गायब हो गया तो उसकी खोजबीन शुरू हुई. शिव लंका थाना परिसर से निकल कर ना जाने कैसे रामनगर थाना के कुतुलपुर स्थित यमुना पोखरी पहुंच गया और उसी में डूबने से 15 फरवरी 2022 को उसकी मौत हो गई थी. तब उसकी शिनाख्त नहीं हो पाई थी. उधर, यमुना पोखरी में युवक के डूबने की सूचना पाकर शिव के पिता प्रदीप कुमार त्रिवेदी रामनगर थाने पहुंचे तो उन्हें पुलिसकर्मियों ने टरकाते हुए कह दिया था कि शव किसी और का है. प्रकरण को लेकर एडवोकेट सौरभ तिवारी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की. हाईकोर्ट के आदेश से प्रकरण की जांच CBCID ने शुरू की. शिव के पिता प्रदीप CBCID के अफसरों को लेकर रामनगर थाने पहुंचे. उन्होंने कहा कि 15 फरवरी 2022 को यमुना पोखरी में जो अज्ञात शव मिला था, उसके सुरक्षित रखे हुए बाल और दांत से उनके DNA का मिलान कराया जाए. DNA रिपोर्ट आई तो स्पष्ट हुआ कि यमुना पोखरी में जिस युवक का शव मिला था वह शिव ही था.
पुलिसकर्मियों पर शिथिलता के आरोप
CBCID के इंस्पेक्टर श्यामदास वर्मा चिकित्सकीय विशेषज्ञ के बयान से स्पष्ट है कि शिव मानसिक रूप से अस्वस्थ था. जिस रात वह लंका थाना लाया गया था अपना नाम-पता नहीं बता पा रहा था. ऐसी स्थिति में लंका थाने के पुलिस कर्मियों का यह नैतिक और राजकीय कर्तव्य था कि को पर्याप्त चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराते. मगर, ऐसा नहीं किया गया. शिव जब लंका थाने से गायब हुआ तो लंका थाने के पुलिस कर्मियों द्वारा उसे खोजने का प्रयास नहीं किया गया. इस संबंध में सीनियर अफसरों को भी कोई सूचना नहीं दी गई. यदि शिव को चिकित्सा सुविधा तत्काल उपलब्ध कराई गई होती या उसे खोजने का प्रयास तत्काल शुरू किया गया होता तो शायद वह तालाब में ना डूबता. लंका थाने के पुलिस कर्मियों ने अपने कर्तव्यों के निर्वहन में घोर लापरवाही बरती.
संबंधित खबर: लंका थाने से लापता छात्र शिव की डूबने से हुई है मौत, हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 14 जुलाई को...