धूम्रपान निषेध दिवस: चार वर्षों में 16 हजार से अधिक लोगों की हुई काउन्सलिंग, छोड़े मात्र 135 लोग तंबाकू...

इस अवसर पर एसीएमओ एवं नोडल अधिकारी डॉ पीपी गुप्ता, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी (एनसीडी सेल) डॉ डीपी सिंह, जिला सलाहकार डॉ सौरभ, समाजसेवी संगीता सिंह एवं अन्य विभागीय कर्मियों द्वारा धूम्रपान निषेध को लेकर शपथ भी दिलाई गयी । वहीं, दूसरी ओर एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय में प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ प्रसन्न कुमार के नेतृत्व में हस्ताक्षर अभियान चलाया गया।

धूम्रपान निषेध दिवस: चार वर्षों में 16 हजार से अधिक लोगों की हुई काउन्सलिंग, छोड़े मात्र 135 लोग तंबाकू...

वाराणसी, भदैनी मिरर। ‘धूम्रपान निषेध दिवस’ पर बुधवार को राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए । मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में सीएमओ डॉ वीबी सिंह की अध्यक्षता में जिला तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ द्वारा एवं एनसीडी सेल के सहयोग से एक गोष्ठी का आयोजन किया गया । इस अवसर पर एसीएमओ एवं नोडल अधिकारी डॉ पीपी गुप्ता, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी (एनसीडी सेल) डॉ डीपी सिंह, जिला सलाहकार डॉ सौरभ, समाजसेवी संगीता सिंह एवं अन्य विभागीय कर्मियों द्वारा धूम्रपान निषेध को लेकर शपथ भी दिलाई गयी । वहीं, दूसरी ओर एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय में प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ प्रसन्न कुमार के नेतृत्व में हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। इस मौके पर सभी को तम्बाकू सेवन के शरीर पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों तथा तम्बाकू से होने वाले कैंसर के बारे में विस्तार से बताया गया ।

 
इस दिवस का उद्देश्य सिगरेट तथा अन्य तम्बाकू सेवन के दुष्प्रभावों के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाना और धूम्रपान करने वालों को इस आदत से छुटकारा दिलाने में उनकी मदद करना है। लोगों को धूम्रपान छोड़ने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए हर साल मार्च के दूसरे बुधवार को नो स्मोकिंग-डे मनाया जाता है। धूम्रपान या चबाने वाली तम्बाकू सबसे बुरी आदतों में से एक है। इसे किसी के लिए भी अपनाना आसान है लेकिन उतना ही ज्यादा स्वास्थ्य का जोखिम है। 12 से 17 वर्ष के हजारों युवा हर दिन धूम्रपान को अपनाते हैं। इससे हृदय रोग, ब्रोंकाइटिस, निमोनिया, स्ट्रोक, मधुमेह और कैंसर जैसी समस्याएं अपने लिए पैदा करते हैं।

घाट, विद्यालय और कार्यालयों में आयोजित होते रहे है कार्यक्रम


नोडल अधिकारी डॉ पीपी गुप्ता ने बताया कि राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत जिले में वर्ष 2017-18 से वर्ष 2021-22 तक कई जन जागरूकता कार्यक्रम, हेल्थ कैंप आयोजित किए गए तथा तंबाकू छोड़ने के लिए लोगों की काउन्सलिंग भी की गयी । पिछले चार वर्षों में लगभग 16,080 लोगों की काउन्सलिंग की गयी । जिसमें कुल 210 विद्यालयों में जन जागरूकता कार्यक्रम आयजित किए गए और उन्हें तंबाकू मुक्त परिसर भी घोषित किया गया। लगभग 201 तंबाकू सेवन करने वालों के साथ जन जागरूकता कार्यक्रम किए गए । जिले में कई इलाकों में कुल 116 हेल्थ कैंप लगाए गए जिसमें जन मानस को धूम्रपान के दुष्प्रभावों और उससे बचने के उपाय के बारे में बताया गया । इसके साथ ही समय-समय पर घाटों पर जनमानस के बीच 158 जागरूकता कार्यक्रम किए गए ।


येलो लाइन कैंपेन के जरिये जिले के लगभग 307 सरकारी कार्यालयों व विद्यालयों को तंबाकू मुक्त परिसर घोषित किया गया । उन्होंने बताया कि विभाग के निरंतर प्रयास से चार वर्षों में जिले कुल 135 लोगों ने तंबाकू छोड़ी। इसके साथ ही कार्यक्रम के तहत समय-समय पर रैली, गोष्ठी और हस्ताक्षर अभियान चलाकर भी जन मानस को जागरूक किया गया ।