सीएम के उड़न खटोले को उतारने के लिए बन रहे हेलीपैड निर्माण कार्य में मजदूरी कर रहे नाबालिक बच्चे
सीएम के उड़न खटोले को उतारने के लिए बंद है हेलीपैड के निर्माण कार्य के दौरान बाल मजदूरी कराने का भी बड़ा मामला सामने आया है। जिसमें अन्य मजदूरों के साथ नाबालिक बच्चे भी काम करते नजर आए। जिसका वीडियो मीडिया कर्मियों ने अपने कैमरे में कैद कर लिया। वही इस मामले से मौके पर मौजूद विभागीय अधिकारी के साथ साथ जिला प्रशासन भी पूरी तरह अनजान हैं।
चंदौली- महेंद्र पॉलिटेक्निक कॉलेज में 6 नवंबर को सीएम योगी आदित्यनाथ के आगमन को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरीके से अलर्ट एवं चौकन्ना है। जिसको लेकर जोरों पर तैयारियां चल रही है। वही सीएम के उड़न खटोले को उतारने के लिए बंद है हेलीपैड के निर्माण कार्य के दौरान बाल मजदूरी कराने का भी बड़ा मामला सामने आया है। जिसमें अन्य मजदूरों के साथ नाबालिक बच्चे भी काम करते नजर आए। जिसका वीडियो मीडिया कर्मियों ने अपने कैमरे में कैद कर लिया। वही इस मामले से मौके पर मौजूद विभागीय अधिकारी के साथ साथ जिला प्रशासन भी पूरी तरह अनजान हैं।
आपको बता दें कि बाल श्रम रोकने का दावा करने वाले जनपद के अफसरों की एक बार फिर से पोल खुल गई है। और सीएम के आगमन को लेकर महेंद्र पॉलिटेक्निक कॉलेज परिसर में बन रहे हेलीपैड का निर्माण कार्य में अन्य मजदूरों के साथ अपना पसीना बहाकर नाबालिक बच्चे भी कार्य कर रहे हैं। लेकिन उन पर पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों और मौके पर मौजूद ठेकेदारों के साथ-साथ जिला प्रशासन की भी नजर नहीं पड़ रही है। और इसको लेकर बड़ी लापरवाही देखी जा रही है। हालांकि इस पर जो विभागीय अधिकारी है वह कुछ भी कहने से कतराते नजर आ रहे हैं।
इस संबंध में लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता रमेश चंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि ठेले पर निर्माण कार्य में नाबालिक बच्चों से कार्य नहीं कराया जा रहा है। नाबालिक बच्चे केवल देखने के लिए आए थे।
पूर्व आईपीएस ने ट्वीट कर कार्यवाही का किया मांग
चंदौली में सीएम योगी आदित्यनाथ के दौरे को लेकर महेंद्र टेक्निकल कालेज परिसर में हेलीपैड निर्माण के दौरान नाबालिक बच्चों से काम कराए जाने के मामले में पूर्व आईपीएस एवं अधिकार सेना के संस्थापक अमिताभ ठाकुर ने ट्वीट कर लिखा की नाबालिक बच्चों से कार्य कराना बाल श्रम कानून का खुला उल्लंघन है। इसके साथ ही उन्होंने मांग किया कि समुचित धारा में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कर कार्यवाही की जाए।
संवाददाता कार्तिकेय पांडेय