कंगना रनौत को मनोज तिवारी की सलाह, कांग्रेस के हिंदुत्व एजेंडे पर निशाना बोले राम नाम के विरोधी खुद हो जाएंगे अलग....
मनोज तिवारी ने कंगना के बयान आजादी 1947 में भीख में मिली है के सवाल पर मनोज तिवारी ने कहा कि उन्होंने किस परिपेक्ष में क्या कहा इस में हमारी उनसे बात भी नही हो पाई है और मैं समझता हूँ आज़ादी का अमृत महोत्सव जब भारत आज़ाद हुआ उसको किसी को दागदार करने और नीचा दिखाने का हक नही होना चाहिए।
वाराणसी, भदैनी मिरर। बीजेपी सांसद और अभिनेता मनोज तिवारी वाराणसी में आयोजित राजभाषा सम्मेलन में शनिवार को शिरकत करने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि आज काशी के लिए बहुत गौरवशाली दिन है और काशी को सांस्कृतिक राजधानी मान कर देखने वाले भारत के लिए। अभी तक काशी से बड़े बड़े हिंदी के सशक्त हस्त्ताक्षर निकले लेकिन सरकार यहां पर इस स्तर का सम्मलेन करेगी यह पहली बार हो रहा है, जो यह जगह संकुल बना है और ये सब नई उपलब्धि है। काशी के लिए अमित शाह और नरेंद मोदी जी को धन्यवाद करता हूँ।
आजादी को दागदार करने का नही है किसी को अधिकार
मनोज तिवारी ने कंगना के बयान आजादी 1947 में भीख में मिली है के सवाल पर मनोज तिवारी ने कहा कि उन्होंने किस परिपेक्ष में क्या कहा इस में हमारी उनसे बात भी नही हो पाई है और मैं समझता हूँ आज़ादी का अमृत महोत्सव जब भारत आज़ाद हुआ उसको किसी को दागदार करने और नीचा दिखाने का हक नही होना चाहिए। नई बाते करनी अच्छी बात है निःसंदेह नरेंद्र मोदी जी के आने के बाद गार्डियन ने भी लिखा एक नया भारत शुरू हुआ है, लेकिन इसका मतलब ये नही हो सकता स्वाधीनता के इस महोत्सव को अमृत महोत्सव को कम कर के देखे इसको गौरव से सभी को देखना चाहिए।
राम नाम के विरोधी स्वयं हो जाएंगे अलग
सलमान खुर्शीद की किताब पर हिंदुत्व की तुलना आतंकवाद के सवाल पर मनोज तिवारी ने कहा कि जो लोग चुनाव में हिन्दु और हिंदुत्व दिखाते है उनके लिए अलग-अलग होगा ही। उनके लिए दिखाने का अलग है और अंदर रखने वाला अलग है, हमको तो पता ही है कि राहुल गांधी के लिए हिंदुत्व दो तरह का है एक चुनाव में दिखाने वाला और एक अंदर से देश को नुकसान पहुचाने वाला। राशिद अल्वी के बयान पर मनोज तिवारी ने कहा कि रावण के दल को कभी भी जय श्री राम का नारा अच्छा नही लगता था तो हमे ये चुनौती के रूप में लेना है भारत मे ऐसी प्रवित्ति लोग अपना रहे है जिसमे भारत की संस्कृति का भारत की सभ्यताओं का भारत के मान मर्यादाओ का वो लोग विरोध करते है। लेकिन उनसे भारत रुकने वाला नही है जो राम का या जय श्री राम का विरोध करते है वो स्वयं ही देश मे अलग थलग हो जायेगे।