महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने दर्ज करवाया अरुण पाठक के खिलाफ गंभीर आरोपों में मुकदमा...
देश की पहली किन्नर महामंडलेश्वर हेमांगी सखी ने अरुण पाठक के खिलाफ जमकर निशाना साधा है. इतना ही नहीं उन्होंने विश्व हिंदू सेना प्रमुख अरुण पाठक के खिलाफ गंभीर आरोपों में मुकदमा भी दर्ज करवाया है.
वाराणसी, भदैनी मिरर। किन्नर समाज की महामंडलेश्वर हिन्मागी सखी ने विश्व हिंदू सेना के अध्यक्ष अरुण पाठक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है. विश्व हिंदू सेना प्रमुख अरुण पाठक ने 8 अगस्त को ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी के जलाभिषेक का एलान किया था, जिसमें हेमांगी सखी को कार्यक्रम की अध्यक्षता के लिए आमंत्रित किया था. आरोप है अरुण पाठक ने महामंडलेश्वर को बिना पूरी जानकारी दिए उन्हे गुमराह किया. हेमांगी सखी ने लगातार मीडिया से अपना दर्द बयां कर रही है.
शहर का माहौल खराब करने की बात कही
हेमांगी सखी ने पुलिस को दिए तहरीर में कहा है की वह अकेले आदि विशेश्वर का जलाभिषेक करना चाहती थी. लेकिन अरुण पाठक ने एक मित्र के माध्यम से संपर्क किया और अपने कार्यक्रम में अध्यक्षता करने को बुलाया. वह तैयार हो गई और वह अपनी जबलपुर की रहने वाली एक सहयोगी महिला के साथ छह अगस्त को ट्रेन पकड़ कर आई. जिसके बाद अरुण पाठक ने दोनो लोगों को ज्ञानपुर स्टेशन पर रोक दिया. जहां उसने गाड़ी भेजकर रिसिव करवाए और किसी अंजान स्थान पर रखें. जिसके बाद वहां अरुण पाठक अपने दस सहयोगियों के साथ पहुंचे और पुलिस द्वारा जलाभिषेक कार्यक्रम रोके जाने का हवाला दिया. जिसके बाद अरुण पाठक हेमांगी सखी और उनके अन्य सहयोगी को दुर्गावति कैमूर बिहार लेकर गए, जहां वह एक होटल में ठहरे. आरोप लगाया की बातचीत के दौरान अरुण ने कहा की आप अपने किन्नर समाज के लोगों को बुलाये, मैं जलाभिषेक कार्यक्रम रोके जाने पर विरोध प्रदर्शन करूंगा. जिससे की शहर का माहौल खराब होगा. हेमांगी सखी द्वारा इसका विरोध करने पर अरुण पाठक ने गाली गलौज किया. पुलिस ने तहरीर मिलने के बाद मंगलवार को अरुण पाठक व एक अज्ञात के खिलाफ आईपीसी 342, 354, 504 और 506 में दर्ज किया है.
अरुण पाठक न्यायिक अभिरक्षा में भेजे गए है जेल
सावन के आखिरी सोमवार को बाबा विश्वनाथ और मां शृंगार गौरी का जलाभिषेक करने की घोषणा करने वाले विश्व हिंदू सेना के प्रमुख अरुण पाठक को पुलिस ने सोमवार की सुबह अस्सी घाट से गिरफ्तार किया. पुलिस ने उन्हें ज्ञानवापी प्रकरण को लेकर विवादित टिप्पणी करने के मामले में अपर सिविल जज (जूनियर डिवीजन प्रथम) पवन कुमार सिंह की कोर्ट में पेश किया. अदालत ने आरोपी को 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है. उधर जेल भेजे जाने के बाद दर्ज हुए मुकदमें से अरुण पाठक की मुश्किलें बढ़ गई है.
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