विवादित पोस्टर विवाद पर आरोप: देर रात अरुण पाठक के घर पहुंची पुलिस, पुलिस टीम अरुण पाठक की कर रही तलाश...
वाराणसी, भदैनी मिरर। दो बार जनपद के तीन थाना क्षेत्रों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अमर्यादित टिप्पणी के साथ विवादित पोस्टर जारी करने वाले विश्व हिंदू सेना के अध्यक्ष अरुण पाठक ने अपने फेसबुक, ट्वीटर से लगातार पोस्ट कर रहे है। अब उनकी पत्नी मनीषा पाठक ने अपने फेसबुक से वीडियो जारी कर पुलिस पर गंभीर आरोप लगाई है।
मनीषा का आरोप है कि भेलूपुर पुलिस मंगलवार रात उनके घर पहुंची और घर के सीसीटीवी कैमरे की डीबीआर नोच ले गई, साथ ही उनकी बेटी का मोबाइल भी उठा ले गई। उन्होंने सीएम योगी से मांग की है कि उनके पति एक साल से अपने परिवार से दूर है। उनका उत्पीड़न सिर्फ इसलिए किया जा रहा है कि वह एक हिंदूवादी नेता है।
क्या मै आतंकवादी हूँ?
अरुण पाठक ने फेसबुक पोस्ट करते हुए कहा कि हमने आपको ढोंगी कहा तो इतना बुरा लगा कि आपकी पुलिस 1:30 बजे रात मेरे घर पहुंच गई। जैसे मै हिंदूवादी नहीं बल्कि आतंकवादी हूँ। पुलिस घर में सुरक्षा के लिए लगाया गया कैमरा, डीवीआर और मेरी बेटी का मोबाइल भी ले गई। मेरे बड़े भाई को भी उठा ले गई, जिनकी किडनी खराब है। क्या मैं हाफिज सईद हूं या सैय्यद सलाउद्दीन हूं या आईएसआई का एजेंट हूं। हिंदुत्व के लिए आपके शरीर का कितना रक्त बहा है, आपने कितनी लाठियों खाई हैं। मैंने पहला रक्ताभिषेक मां श्रृंगार गौरी आंदोलन में किया था। दर्जनों बार हिंदुत्व के नाम पर लाठियां भी खाई, जेल भी गया और विषपान तक किया। इतना त्याग करने वाले हिंदूवादी के साथ आतंकवादी वाला व्यवहार किया जा रहा है। लोकतंत्र में अपनी बात रखने को हर लोग स्वतंत्र हैं। क्या आप मेरे परिवार की हत्या करवाना चाहते हैं...?
विवादित पोस्टर को लेकर दर्ज हुआ तीन मुकदमा
विश्व हिंदू सेना अध्यक्ष अरुण पाठक की तलाश में पुलिस वाराणसी से बिहार तक दबिश दे रही है। सिगरा, लंका और भेलूपुर थाने की पुलिस की 3 अलग-अलग टीम के लिए फिलहाल अरुण पाठक अबूझ पहेली बने हुए हैं। पुलिस का मानना है कि अरुण पाठक उत्तर प्रदेश से सटे बिहार के किसी जिले में शरण लिए हुए है। तकनीक के जानकार होने के कारण उनके मोबाइल को ट्रेस कर पाना संभव नहीं हो पा रहा है। उधर, इस कार्रवाई से बेफिक्र होकर अरुण पाठक फेसबुक और ट्विटर पर योगी सरकार और पुलिस विरोधी पोस्ट लगातार कर रहे हैं। वाराणसी में विवादित पोस्टर को लगाने के कारण अरुण पाठक के खिलाफ तीन मुकदमें दर्ज किए गए है।