BHU: खराब भोजन को लेकर देर रात भड़की शोध की छात्राएं, कुलपति आवास पर थाली लेकर पहुंची...

मेस में खराब भोजन मिलने से नाराज न्यू पीएचडी हॉस्टल में रहने वाली शोध छात्राएं सोमवार देर रात भड़क गई. जिसके बाद वह कुलपति आवास पहुंचकर प्रदर्शन की.

BHU: खराब भोजन को लेकर देर रात भड़की शोध की छात्राएं, कुलपति आवास पर थाली लेकर पहुंची...

वाराणसी, भदैनी मिरर। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के न्यू पीएचडी छात्रावास में रहने वाली शोध छात्राओं ने सोमवार देर रात खराब भोजन को लेकर भड़क गई. जिसके बाद खराब भोजन की थाली लेकर वह कुलपति आवास पहुंच गई. सूचना मिलते ही विश्वविद्यालय प्रॉक्टोरियल बोर्ड में हड़कंप मच गया. मेस की शिकायत पर कर्मचारियों द्वारा अभद्र व्यवहार करने से नाराज छात्राएं धरने पर बैठ गई. जिसके बाद किसी तरह मान-मनौव्वल कर छात्राओं को शांत करवाया गया. 

आक्रोशित छात्राओं का कहना था की दिन भर काम करने के बाद जब हम हॉस्टल लौटते है तो खराब गुणवत्ता का भोजन मिलता है. छात्राओं का कहना था की लड़कों के हॉस्टल में प्रति डाइट व्यवस्था लागू है, लेकिन हमारे यहां एडवांस पेमेंट मांगा जाता है जो कि विश्वविद्यालय में लड़के- लड़कियों में भेद की स्थिति उत्पन्न करता है. छात्राओं का आरोप था की जब हम वार्डन से इसकी शिकायत करते है तो वह हम छात्राओं पर ही चिल्लाकर निकालने की धमकी देती है. छात्राओं ने कहा कि वार्डन, मेस कर्मचारियों द्वारा धमकी से हमारा मानसिक उत्पीड़न हो रहा है जिससे हम सब की पढ़ाई नहीं हो पा रही है और मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं.

कुलपति से की यह 14 बिंदुओं की मांग

1. न्यू पीएचडी हॉस्टल में रहते हुए करीब 7 महीने हो चुके है, परंतु अभी भी हमे वाईफाई की सुविधा नहीं मिली जबकि इस हॉस्टल की फीस करीबन 20000₹ सलाना हम दे हे हैं जो बाकी हॉस्टल से कई गुना ज्यादा है.

2. सफाई की उचित व्यवस्था का ना होना।

3- एक ही मेस का उपलब्ध होना जिसमे करीबन 200-250 लड़कियों का खाना बनना जिसके कारण हमे लंबी कतारें व अधिक समय तक इन्तजार करना हो रहा है.

4. मेस में जो भोजन हमें मिल रहा है, उसका निम्न स्तर का होना.

5. मेस में उपलब्ध दूध का सिंथेटिक होना.

6. भोजन में कृत्रिम कलर का प्रयोग करना।

7. एक ही जैसा भजन लगातार देना ।

8. खाने में आरारोट, कोर्न स्कार्च का प्रयोग कर ग्रेवी बनाना।

9. ग्रेवी, दही, दाह आदि में टार्टरिक अम्ल का प्रयोग करना।

10. मेस से जुड़े कर्मचारी का हमें अजीब निगाहो से देखना व हंसना. जो हमारे लिए स्वस्थ्य वातावरण नहीं प्रदान करते।

11. खाना परोसते वक्त उनका व्यवहार लड़कियों के साथ

बहुत खराब होना.

12. लडको के हॉस्टल में प्रति डाईट व्यवस्था लागू है पर हमसे यहां एडवांस पेमेन्ट मांगा जाना जो कि इतने बड़े विश्वविद्यालय में जेन्डर बॉयज अर्थात लड़के-लड़कियों में भेद की स्थिति को बढ़ाता है. नियम का पालन न होना।

13. सबसे जरूरी, बॉर्डन, मेस कर्मचारियों द्वारा प्राप्त धमकी से हमारा मानसिक उत्पीडन हो रहा जिससे हम सब पढ़ाई नहीं कर पा रहे और मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहें।

14. काफी देर तक खड़ा रहने के बावजूद हमें मेस में नाश्ता व भोजन देने से मना कर दिया जाना ।