एडिशनल पुलिस कमिश्नर को पत्रकारों ने सौंपा ज्ञापन, मनबढ़ लूट के आरोपित बाउंसरों के गिरफ्तारी की मांग...
मॉल, हुक्का बार, क्लब के बाहर नर्तकियों से लेकर पियक्कड़ों की सुरक्षा में तैनात रहने वाले बाउंसरों की ड्यूटी जब से सर सुंदरलाल अस्पताल में लगी है, उनका मिजाज सातवें आसमान पर है.
वाराणसी, भदैनी मिरर। मॉल, हुक्का बार, क्लब के बाहर नर्तकियों से लेकर पियक्कड़ों की सुरक्षा में तैनात रहने वाले बाउंसरों की ड्यूटी जब से सर सुंदरलाल अस्पताल में लगी है, उनका मिजाज सातवें आसमान पर है. जूनियर डाक्टरों के हड़ताल की खबर कवर करने गए पोर्टल के पत्रकार ओमकार नाथ के साथ बीते 21 सितंबर को मारपीट कर लूट की घटना करने वाले आरोपित बाउंसरों की गिरफ्तारी को लेकर पत्रकारों का एक जुट एडिशनल सीपी डॉ. एस. एस. चिनप्पा को ज्ञापन सौंपा.
एडिशनल पुलिस कमिश्नर ने पत्रकारों से ज्ञापन लेने के बाद प्रकरण में आरोपितों की गिरफ्तारी का आश्वासन दिया. पत्रकार ने बताया की अस्पताल में मरीजों और उनके तीमारदारों संग बाउंसर हर रोज मारपीट करते है. उस दिन यूरोलॉजी डिपार्टमेंट में जाफराबाद (जौनपुर) निवासी शिवकुमार दिखाने पहुंचे थे. उन्हे कुछ बाउंसर मारपीट रहे थे, जिसका पत्रकार ओमकार ने वीडियो और फोटो बना लिया. यह देख बाउंसर विकास सिंह, राहुल उपाध्याय के अलावा 5 से 6 एमटीएस स्टाफो ने घेरकर मारपीट कर सोने की चेन लूट ली.
पत्रकारों ने एडिशनल पुलिस कमिश्नर को बताया की बाउंसरों ने स्थानीय पुलिस और उनके उच्च अधिकारियों पर धाराएं कम करने का दबाव बना रहे है. सवाल किया की जब आरोपी चिन्हित है, नामजद मुकदमा है तो आखिर पुलिस आरोपित की गिरफ्तारी क्यों नहीं कर रही है? अधिवक्ता दीपक कुमार राजवीर ने कहा की यदि आरोपित कोई गरीब का बेटा होता तो पुलिस अब तक गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी होती और वह जिला जेल के किसी बैरक में निरुद्ध होता.