दुर्गा पूजा पंडाल निर्माण को लेकर जारी हुई गाइडलाइन, पण्डाल के अन्दर हाईड्रोजन लैम्प के प्रयोग पर रोक...
दुर्गा पूजा पंडाल को लेकर मुख्य अग्निशमन अधिकारी ने गाइडलाइन जारी किया है. पिछले वर्ष दुर्गा पूजा पंडाल भदोही में हुए अग्निकांड में कई लोगों की जान गई थी.
वाराणसी, भदैनी मिरर। पिछले वर्ष भदोही में दुर्गा पूजा पंडाल में लगी आग से हुई जनहानि को ध्यान में रखते हुए जनपद वाराणसी में भी जिला प्रशासन ने गाइडलाइन जारी कर दिया है. जिला प्रशासन ने दुर्गापूजा, दशहरा व दीपावली जैसे अग्नि संशय युक्त त्यौहार सन्निकट देखते हुए मुख्य अग्निशमन अधिकारी ने पण्डाल निर्माण के सम्बन्ध में अग्नि सुरक्षा की दृष्टि से आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया है.
मुख्य अग्निशमन अधिकारी ने कहा है की ढांचे में प्रयोग किये गये सामग्री में शीघ्र आग न पकड़ने वाले निर्माण के सामान प्रयोग करने की वरीयता दी जाए. जहाँ तक शीघ्र आग पकड़ने वाले सामान का प्रयोग करना आवश्यक हो, तो उसे फायर रिटारडेन्ट सल्यूशन से ट्रीट किया जाए. मुख्य ढांचा कम से कम 100 एम.एम. के धातु के न जलने वाले या लकड़ी के साल या बांस बल्लियों को नट बोल्ट अथवा तार से मजबूत बांध देना चाहिए. सभी पोल की मोटाई एवं मजबूती सुरक्षा की दृष्टिकोण से संतोषजनक होना चाहिए. ढांचे या पण्डाल की ऊचाई तीन मीटर से कम न हो. पण्डाल निर्माण में सिन्थेटिक कपड़े/रस्सियों आदि के प्रयोग न करते हुए प्राकृतिक रेशों से बनी सामग्री जैसे:- नारियल व रेशम के रस्सियों का ही प्रयोग किया जाए. दुर्गोत्सव पर्व पर निर्माण हो रहे सभी पण्डालों के 3.5 मीटर की दूरी पर मेन गेट छोड़कर तीन तरफ से टीन शेड की बैरीकेटिंग लगाया जाय.
किसी भी हालत में कारीडोर या पैसेज (गलियों) की ऊंचाई तीन मीटर से कम न हो. ढांचा या पण्डाल अगल-बगल के भवनों या अन्य ढ़ांचे से न्यूनतम 4.5 मीटर की दूरी पर हो, सामने का हिस्सा पूर्णतया खुला हो. कोई भी पण्डाल विद्युत लाइन के नीचे न बनाया जाय. कोई स्थाई/अस्थाई पण्डाल रेलवे लाइन, विद्युत सब स्टेशन, हाईटेन्शन वायर से न्यूनतम 4.5 मीटर की दूरी पर हो. पण्डाल तक अग्निशमन यूनिट के पहुँचने हेतु बिना रुकावट का 5 मीटर चौड़ा मार्ग हो व अगर आर्च गेट बनाया जाय तो वह 5 मीटर ऊँचा व 5 मीटर चौड़ा हो. पण्डाल में प्रति 250 व्यक्तियों हेतु एक 3 मीटर चौड़ा निकास द्वार होना चाहिए और प्रत्येक बेड़ा में ऐसे न्यूनतम दो निकास द्वार अवश्य हो.
पण्डाल के किसी भी स्थान से निकास द्वार की दूरी 15 मीटर से अधिक नही होनी चाहिए व निकास द्वार पर "निकास" द्वार स्पष्ट शब्दों में अंकित होना चाहिए, जो वैकल्पिक विद्युत व्यवस्था (बैट्री इनवर्टर) से भी प्रकाशित हो. अस्थाई विद्युत व्यवस्था लाईसेन्सधारी ठेकेदार द्वारा ही करायी जाये और विद्युत सुरक्षा विभाग के अधिशासी अभियन्ता से सुरक्षा सम्बन्धी प्रमाण पत्र अवश्य रूप से प्राप्त कर लिया जाय. पण्डाल के अन्दर हाईड्रोजन लैम्प का प्रयोग पूर्णतया वर्जित है. विद्युत सर्किट व सजावटी विद्युत उपकरण या ज्वलनशील सामग्री पण्डाल से 15 वर्गमीटर से कम दूरी पर न रखी जाय. अस्थाई ढाँचे में 4.5 मीटर दूरी तक कोई ज्वलनशील पदार्थ आग, पटाखा विस्फोटक आदि न तो ग्रहण करे, नही प्रयोग करें. पण्डाल में सामान्य पहुॅच व सुरक्षित स्थान पर दो डीसीपी एक्सटिंग्यूशर 9 कि०ग्रा० क्षमता के जो आईएस मानक-15683::2006 का हो अवश्य रखे जाय. पण्डाल के पास सामान्य प्रयोग के अतिरिक्त अग्निशमन हेतु चार ड्रम पानी छः बोरी बालू व चार फायर बकेट अवश्य रखे जाय. पण्डाल के समीप कूड़े आदि का ढ़ेर न रखे, सफाई की व्यवस्था रखे. अस्थाई ढांचे के अन्दर या समीप किसी प्रकार की खुली लपटों के अग्नि कार्य की अनुमति नहीं दी जाती है. रसोई क्षेत्र की अस्थाई ढ़ांचे (जी०आई० शीट्स) से आग न पकड़ने वाले पदार्थ की व्यवस्था अलग से की जाये.
प्रत्येक ढ़ांचे व ढ़ांचे की व्यवस्थाओं की समय-समय पर चेक करते रहना चाहिए, कोई खराबी या कमी पायी जाती है, तो सम्बन्धित को तत्काल सूचित करें. एक जिम्मेदार व्यक्ति को ढ़ांचे व पंडाल में हर वक्त रहना आवश्यक है, ताकि परिस्थिति विशेष तुरन्त खाली करने व अग्निशमन कार्य करने में सहायक हो. बाहर निकलने व भागने के रास्ते व द्वार आदि पर विशेष ध्यान देना आवश्यक होगा कि किसी स्थान पर (बाहर निकलने) कोई ऐसी रुकावट न उत्पन्न हो जाये जो बाहर निकलने व भागने में परेशानी पैदा करें. प्रत्येक अग्निशमन बाल्टी व फायर एक्सटिंग्यूशर इस प्रकार हर समय रखना चाहिए कि आवश्यकता पड़ने पर प्रयोग हेतु तुरन्त प्राप्त हो सकें. जनपद के समस्त फायर स्टेशनों/पुलिस कन्ट्रोल रूम के टेलीफोन नम्बर फायर स्टेशन चेतगंज का सीयूजी नं0-9454418602 व फायर स्टेशन भेलूपुर का सीयूजी नं0-9454418604 तथा पुलिस कन्ट्रोल रूम नम्बर-100 व सी०यू०जी० नंम्बर- 9454401645 साफ-साफ अंकित कर दें, ताकि किसी अग्नि दुर्घटना पर सूचित किया जा सकें.