जनता को ठगने वाली कंपनी नीलगिरी के मालिक दंपति समेत चार पर लगा गैंगेस्टर, जेल में बंद है आरोपी, जाने क्या है पूरा मामला...
जमीन, गोल्ड और टूर पैकेज के नाम पर जनता को बहला फुसलाकर मोटी रकम एठने के बाद जनता से इस कंपनी के मालिकों ने बत्तमीजी शुरु करवा दी। कमिश्नरेट बनने के बाद इस कंपनी की लगातार शिकायतें अधिकारियों के पास पहुंचने लगी, जांच करवाने पर पता चला की यह कंपनी जनता को ठगने का बड़ा व्यापार कर रही है।
वाराणसी, भदैनी मिरर। जमीन, टूर पैकेज के नाम पर जनता का पैसा ऐंठने वाले रियल एस्टेट कंपनी नीलगिरी के मालिक दम्पत्ति चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर (CMD) विकास सिंह, मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) ऋतु सिंह सहित दो अन्य पर कमिश्नरेट पुलिस ने शिकंजा और कस दिया है। कंपनी से जुड़े दोनों मालिक दम्पत्ति के साथ मैनेजर प्रदीप यादव और एसोसिएट पलास के ऊपर चेतगंज थाने में गैंगेस्टर एक्ट में मुकदमा पंजीकृत हुआ है।
बता दें, इस दिनों चारों जिला जेल में निरुद्ध है।
रियल एस्टेट कंपनी के नाम पर उसके मालिकों ने जनता को जमीन, प्लाट और टूर पैकेज के बेहतर सपने दिखाए, और करोड़ो रुपए ऐंठ लिए गए। जब जनता पैसे या जमीन की मांग करने लगी तो उनसे बत्तमीजी शुरु हुई और फिर गाली-गलौज और धमकी मिलने लगी। इस कंपनी के मालिक दंपतियों के अलावा मैनेजर पर लगातार चेतगंज थाने में जालसाजी, धोखाधड़ी और धमकाने की धाराओं में मुकदमा चेतगंज थाने में दर्ज हो रहा है।
कोर्ट से पुलिस कस्टडी रिमांड पर आए चेतगंज थाने में विकास सिंह और मैनेजर प्रदीप यादव।
चेतगंज पुलिस की गिरफ्त में पलास।
तेजी से कर रही SIT जांच
पुलिस कमिश्नर ने फ्रॉड के इस बड़े सिंडिकेट को देखते हुए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया। एसआईटी गुणवत्तापूर्ण जांच कर मजबूत साक्ष्य इकट्ठा कर रही है, जिसकी मॉनिटरिंग खुद पुलिस कमिश्नर कर रहे है। उधर कमिश्नर के आदेश पर नीलगिरी कंपनी से पीड़ित लोगों के हर शिकायत की जांच कराकर पुलिस मुकदमें दर्ज कर रही है। इस कंपनी के ऊपर EOW की भी नजर है।
पुलिस करेगी प्रभावी पैरवी
पुलिस कमिश्नर (सीपी) ए. सतीश गणेश ने बताया कि नीलगिरी कंपनी के मालिक दंपत्ति समेत चार के विरुद्ध गैंगेस्टर लगाया गया है। धीरे-धीरे आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल हो रहे है, साक्ष्य संकलन की प्रक्रिया लगभग पूरी होने के कगार पर है। न्यायालय में प्रभावी पैरवी से कठोर सजा दिलवाई जाएगी। प्रवर्तन निदेशालय भी इस कंपनी का अलग से जांच कर रही है।
ऐसे पकड़ा नीलगिरी का मामला तूल
- कमिश्नरेट बनने के बाद लगातार उच्चाधिकारियों के पास नीलगिरी इंफ्रासिटी के जालसाजी और धोखाधड़ी कर करोड़ो रुपए गबन करने की शिकायत पहुंच रही थी।
- 26 जुलाई 2021 को गुजरात, बिहार, झारखंड सहित कई राज्यों के पीड़ित पहुंचकर नीलगिरी के ऑफिस में हंगामा किए, जिसके बाद पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर ने कार्रवाई की मांग की।
- 5 अगस्त 2021 को जालसाज कंपनी नीलगिरी के सीएमडी विकास सिंह ने खुद को सही दिखाने के लिए अमिताभ ठाकुर सहित 10 लोगों के खिलाफ कोर्ट में 50 लाख की रंगदारी मांगने का वाद दाखिल किया।
- 6 अगस्त 2021 को पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने नीलगिरी के खिलाफ पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश से शिकायत की। और नीलगिरी के ऊपर दर्ज मुकदमों की सामूहिक जांच की मांग की।
- 30 अगस्त 2021 को पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश के सख्त होते के बाद पुलिस ने निलगीरी के सीएमडी विकास सिंह, मैनेजर प्रदीप कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरु की।
- 31 अगस्त 2021 को सीएमडी विकास सिंह, एमडी रितु सिंह और मैनेजर प्रदीप कुमार को चेतगंज पुलिस ने जेल भेज दिया।
- 1 सितंबर 2021 से पुलिस ने नीलगिरी के कर्ताधर्ताओं के ऊपर गैंगेस्टर लगाने की कार्रवाई शुरु की।
- 1 सितंबर 2021 को ही पुलिस कमिश्नर (सीपी) ने विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया।
- 2 सितंबर 2021 को सीपी ने एसआईटी को निर्देश दिया कि एडीएम, विकास प्राधिकरण और एआरटीओ से संपत्ति का ब्यौरा इकट्ठा करें।
- 11 सितंबर को चेतगंज पुलिस ने कोर्ट से पुलिस कस्टडी रिमांड लेकर विकास सिंह और मैनेजर प्रदीप यादव को जेल से लाकर पूछताछ की।
- 4 नवंबर को पुलिस ने विकास सिंह, ऋतु सिंह, प्रदीप यादव और पलास के ऊपर गैंगेस्टर एक्ट में मुकदमा पंजीकृत हुआ।