कर्ज से परेशान पड़ोसी ने की थी नौ वर्ष के विशाल की हत्या, SSP बोले चुनौती था गुत्थी सुलझाना...

कर्ज से परेशान पड़ोसी ने की थी नौ वर्ष के विशाल की हत्या, SSP बोले चुनौती था गुत्थी सुलझाना...

वाराणसी/भदैनी मिरर।  सारनाथ थाना अंतर्गत पंचक्रोशी पैगंबरपुर के नौ साल के विशाल का अपहरण कर उसकी हत्या उसके पड़ोसी ने ही की थी। इसका खुलासा करते हुए पुलिस ने बताया कि हत्यारोपी धर्मेंद्र ने गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में पुलिस को बताया कि वह कर्ज से परेशान था। इसलिए वह कई दिन से किसी बच्चे का अपहरण कर फिरौती मांगने की योजना बना रहा था।

इधर विशाल की मां से उसकी अक्सर कहासुनी होती रहती थी। इस वजह से उसने विशाल की मां को सबक सिखाने और फिरौती की रकम मांगने की ठानी। इसके लिए वह विशाल को पतंग दिलाने की बात कह कर उसे घर से कुछ दूर बगीचे की ओर ले गया और उसका गला दबाया तो वह चीखने लगा। इस पर उसने विशाल के मुंह में लकड़ी डाल और गला दबा कर हत्या कर दी। इसके बाद विशाल के शव को फूलों के खेत में फेंक कर उसके घर के सामने कागज फेंक कर 50 हजार रुपये की फिरौती मांगी। 

अजय सोनकर पर था शक

पुलिस के अनुसार, 29 जनवरी 2021 को पंचक्रोशी पैगंबरपुर निवासी मंजय का बेटा विशाल घर से हाथी देखने निकला तो वापस नहीं लौटा। 30 जनवरी को मंजय के घर के सामने एक कागज पड़ा था, जिस पर लिखा था कि 50 हजार रुपये न देने पर विशाल की हत्या कर दी जाएगी।फिर एक फरवरी को विशाल का शव उसके घर से 500 मीटर दूर फूलों के खेत में मिला। विशाल के पिता मंजय ने पुराने विवाद और देख लेने की धमकी के आधार पर क्षेत्र के ही अजय सोनकर के खिलाफ सारनाथ थाने में हत्या का नामजद मुकदमा दर्ज कराया।

 धर्मेंद्र के साथ दिखा था विशाल

एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि पूछताछ और तफ्तीश में नामजद की संलिप्तता नहीं उजागर हुई। वारदात के खुलासे के लिए एसपी सिटी विकास चंद्र त्रिपाठी और एएसपी अभिमन्यु मांगलिक के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच प्रभारी अश्वनी पांडेय की टीम गठित की गई। तफ्तीश के क्रम में क्षेत्र के ही एक व्यक्ति ने बताया कि आखिरी बार विशाल को धर्मेंद्र के पीछे जाते हुए देखा गया था, लेकिन उस व्यक्ति की बात पर विश्वास नहीं हो रहा था। कारण कि विशाल के अपहरण से लेकर उसका शव मिलने के बाद तक मंजय के साथ ही धर्मेंद्र घूमता था।

सीसीटीवी फुटेज से हुआ खुलासा

 एसएसपी ने बताया कि छानबीन के दौरान क्षेत्र में ही एक जगह लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में 29 जनवरी को धर्मेंद्र के पीछे जाते हुए विशाल दिखा। यह एक ठोस साक्ष्य था और इसी के आधार पर धर्मेंद्र से पूछताछ शुरू की गई। पहले तो उसने गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन मंजय के घर के सामने फिरौती वाला जो कागज मिला था उसकी और धर्मेंद्र की लिखावट एक जैसे है। इसके बाद धर्मेंद्र से कड़ाई से पूछताछ शुरू की गई तो अपहरण और हत्या की गुत्थी परत दर परत सुलझती चली गई। एसएसपी ने कहा कि इस वारदात का खुलासा पुलिस के लिए बड़ी चुनौती थी। पुलिस टीम ने अच्छा काम किया है और सभी को पुरस्कृत किया जाएगा।