कृत्रिम गर्भाधान के लिए गलत ढंग से एग डोनेशन करवाने वाले गिरोह का भंडाफोड़, मास्टरमाइंड सहित चार गिरफ्तार...
कृत्रिम गर्भाधान के लिए गलत ढंग से पैसों का लालच देकर नाबालिक किशोरियों और गरीब महिलाओं से एक डोनेशन करवाने वाले इनफर्टिलिटी सेंटर के कर्मचारी सहित चार लोगों को गिरफ्तार कर पुलिस ने गैंग का भंडाफोड़ किया है.
वाराणसी, भदैनी मिरर। कृत्रिम गर्भाधान के लिए नाबलिग लड़कियों और गरीब महिलाओं को पैसे का लालच देकर फुसलाने और गलत ढंग से एग डोनेशन करवाने वाले गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है. बुधवार को डीसीपी काशी जोन ने महमूरगंज स्थित इनफर्टिलिटी सेंटर के कर्मचारी अनमोल जायसवाल सहित चार लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. अनमोल इनफर्टिलिटी सेंटर में वर्ष 2020 से काम करता है. पुलिस अनमोल को मास्टर माइंड बता रही है.
मुकदमें के बाद गिरोह का हुआ भंडाफोड़
डीसीपी काशी जोन आर.एस. गौतम ने बताया की जैतपुरा क्षेत्र की रहने वाली एक किशोरी की मां ने महिला थाने में बीते 29 अक्तूबर को मुकदमा दर्ज कराया था. आरोप था की नक्खीघाट सीमा नाम की महिला उसकी बेटी को बहलाकर अपने साथ ले गई. फिर रुपये का लालच देकर उसने एग डोनेशन कराया. किशोरी की मां ने पुलिस को बताया कि सीमा को 30 हजार रुपये में एग डोनर लाने के लिए कहा गया था. उस 30 हजार में सीमा ने किशोरी को 11 हजार छह सौ रुपये दिए थे, बाकी रुपये खुद रख लिए.
फर्जी आधार में बताया गया बालिग
पूछताछ में इनफर्टिलिटी सेंटर का कर्मी अनमोल ने पुलिस को बताया की उसे अक्सर खोजवां की अनिता डोनर उपलब्ध कराती थी. अनिता ने नक्खीघाट की सीमा को भी डोनर उपलब्ध कराने को कहा. बताया कि एवज में उसे 30 हजार रुपये मिलेंगे. सीमा ने इसके लिए एक किशोरी को गुमराह कर तैयार किया. सीमा ने किशोरी के एग डोनेशन के लिए अपने पति आशीष कुमार को राजी किया. आशीष ने किशोरी के साथ पति के रूप में तस्वीरें खिंचवाईं. तस्वीर में किशोरी सिंदूर लगाए लाल जोड़े में थी. इस तस्वीर के आधार पर इनफर्टिलिटी सेंटर के कर्मचारी अनमोल ने किशोरी का फर्जी आधार बनवाया. आधार में किशोरी को बालिग दिखाया गया. इसी आधार के जरिए एग डोनेशन कराया गया.
कराया जायेगा सत्यापन
डीसीपी ने बताया की इनफर्टिलिटी सेंटर में अनमोल के जरिए हुए दूसरे एग डोनेशन करने वालों का सत्यापन कराया जाएगा. आशंका है कि गिरोह रुपये का लालच देकर पहले से अवैध तरीके से एग डोनेशन करा रहा है.