गुटखा फैक्ट्री के सेल्समैन व ड्राइवर को गोली मारने वाले पांच बदमाश गिरफ्तार, लूट की नीयत से बनाया था निशाना...

पांडेयपुर-लालपुर थाना क्षेत्र में पिछले दिनों गुटखा फैक्ट्री के सेल्समैन व ड्राइवर पर लूट की नीयत से फायरिंग के मामले में पुलिस ने पांच आरोपितों को रिंग रोड अंडरपास से गिरफ्तार कर लिया.

गुटखा फैक्ट्री के सेल्समैन व ड्राइवर को गोली मारने वाले पांच बदमाश गिरफ्तार, लूट की नीयत से बनाया था निशाना...

वाराणसी, भदैनी मिरर। पांडेयपुर-लालपुर थाना क्षेत्र में पिछले दिनों गुटखा फैक्ट्री के सेल्समैन व ड्राइवर पर लूट की नीयत से फायरिंग के मामले में पुलिस ने पांच आरोपितों को रिंग रोड अंडरपास से गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने इनके पास से घटना में प्रयुक्त मोटरसाइकिलें, असलहे और मोबाइल बरामद किये हैं. डीसीपी वरूणा जोन ने शुक्रवार को घटना का खुलासा किया. 

डीसीपी ने बताया कि गिरफ्तार बदमाशों में गाजीपुर जिले के नंदगंज क्षेत्र के बरहरपुर के अभिजीत यादव, अलीपुर वनगावां के भानु प्रताप यादव, बांसा बांद खिलवा के कृष्णकांत यादव, गाजीपुर कोतवाली के खांवपुर के मनोहर यादव और जौनपुर के चंदवक थाना क्षेत्र के बजरंग नगर कोईलारी के शुभम दीक्षित हैं. भानु प्रताप यादव सारनाथ थाना क्षेत्र के अवधपुरी कालोनी में किराये के आवास में रहता था. शुभम दीक्षित गाईठहां स्थित गुटखा फैक्ट्री का चार साल से सुरक्षा गार्ड था. बता दें कि लूट की नीयत से फायरिंग की घटना पांच दिसम्बर को हुई थी. इस मामले में पांडेयपुर क्षेत्र के प्रेमचंद नगर कालोनी निवासी व फैक्ट्री संचालक हरिशंकर पांडेय ने दो बाइकों पर सवार छह आज्ञात बदमाशों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था.

इकबालिया बयान

पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि उन्होंने पांच दिसम्बर को गुटखा फैक्ट्री की गाड़ी से रूपये लूटने की योजना सारनाथ स्थित पार्क में बनाई थी. गार्ड शुभम ने उन्हें बताया था कि हर दूसरे और तीसरे दिन दस से 15 लाख रूपये फैक्ट्री में आते हैं. इसके बाद गार्ड की मुखबिरी पर अभिजीत, मनोहर, कृष्णकांत, भानु यादव, मनोहर और दो अन्य सहयोगियों ने घटना को अंजाम दिया. मनोहर यादव ने फैक्ट्री के वाहन चालक को लक्ष्य कर फायर किया. लेकिन वह बचकर भाग निकला और लूट का प्रयास विफल हो गया.

बरामदगी

पुलिस ने घटना में प्रयुक्त दो मोटरसाइकिलों के अलावा .32 बोर की एक देशी पिस्टल, एक तमंचा, पांच कारतूस बरामद किया है. सीसीटीवी फुटेज और मुखबिरों के जरिए बदमाशों की पहचान हुई.