पांच दिनी अखिल भारतीय कला शिविर : हिना भट्ट आर्ट वेंचर में देशभर से 24 कलाकार एक मंच पर हुए एकत्रित

पुणे की कला को समर्पित संस्था हिना भट्ट आर्ट वेंचर द्वारा पांच दिवसीय अखिल भारतीय चित्रकला शिविर समारोह का उद्घाटन किया. बुधवार को राम छाटपार शिल्पन्यास परिसर में इस कला शिविर का उद्घाटन मध्यप्रदेश के भील कला में पद्मश्री महिला कलाकार भूरी बाई, यूसुफ, हरेन ठाकुर एवं मृदुला सिन्हा ने दीप प्रज्वलित कर किया. 

पांच दिनी अखिल भारतीय कला शिविर : हिना भट्ट आर्ट वेंचर में देशभर से 24 कलाकार एक मंच पर हुए एकत्रित

वाराणसी, भदैनी मिरर। कला शिविर  एक ऐसा अवसर होता है जहाँ वरिष्ठ और युवा चित्रकार एक साथ एक स्थान पर एकत्रित होकर अपने अपने कला का प्रदर्शन, कलाकार साथियों के साथ कला चर्चा करते हुए अपने अपने विचारों के माध्यम से अपने क्षेत्रीय संस्कृति का आदान प्रदान करते हैं. वास्तव में कला शिविर कला के सत्संग का रूप होता है, जहां एक कलात्मक सकारात्मक वातावरण बनता है. ऐसा ही वातावरण बुधवार को भारत के प्राचीन धार्मिक स्थल काशी (वाराणसी) के सामने घाट स्थित राम छाटपार शिल्पन्यास के परिसर में देखने को मिला.


पांच दिवसीय अखिल भारतीय चित्रकला शिविर समारोह का उद्घाटन


पुणे की कला को समर्पित संस्था हिना भट्ट आर्ट वेंचर द्वारा पांच दिवसीय अखिल भारतीय चित्रकला शिविर समारोह का उद्घाटन किया. बुधवार को राम छाटपार शिल्पन्यास परिसर में इस कला शिविर का उद्घाटन मध्यप्रदेश के भील कला में पद्मश्री महिला कलाकार भूरी बाई, यूसुफ, हरेन ठाकुर एवं मृदुला सिन्हा ने दीप प्रज्वलित कर किया. 


पांच दिन तक कला का अविरल धारा

उद्घाटन समारोह पर हिना भट्ट आर्ट वेंचर के संस्थापक व शिविर क्यूरेटर हिना भट्ट ने सभी कलाकारों व उपस्थित कला प्रेमियों स्वागत करते हुए कहा कि यह एक सुंदर अवसर है जहाँ पांच दिन तक कला का अविरल धारा बहेगी. देश के अलग-अलग प्रान्तों से आये कलाकारों के विचारों का प्रवाह होगा. इस कार्य में विशेष रूप से कला व कलाकारों के लिए समर्पित राम छाटपार शिल्पन्यास और प्रख्यात मूर्तिकार मदन लाल का योगदान सराहनीय है. शिविर के क्यूरेटर हिना भट्ट और कोऑर्डिनेटर अनिल शर्मा द्वारा सभी कलाकारों का स्वागत करते हुए शिविर में कला सामग्री प्रदान की. इसके बाद कलाकारों ने शिविर में कलाकृति सृजन करना प्रारंभ किया.

देश के अलग-अलग क्षेत्र के कलाकार एक मंच पर

इस शिविर में समकालीन कलाकारों के साथ लोक जनजातीय कलाकारों को भी शामिल किया गया है. शाम में कलाकारों ने एक कला चर्चा में भी भाग लिया. सभी कलाकार इस पांच दिवसीय शिविर में दो दो मौलिक कलाकृतियों का निर्माण कैनवस पर अलग अलग माध्यम एक्रेलिक, पेन इंक में कर रहे हैं.  उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार राज्यों से मध्यम शिविर में भाग लेने वाले प्रमुख कलाकार हैं यूसुफ - भोपाल, हरेन ठाकुर - रांची, प्रोफेसर मृदुला सिन्हा - वाराणसी, पद्मश्री भूरी बाई - भोपाल, एमडी सुलेमान - समस्तीपुर, पूनम चंद्रिका त्यागी - ग्रेटर नोएडा, लाडो बाई - भोपाल, डॉ. विम्मी मनोज - इंदौर, अनुप कुमार चंद - गाजियाबाद, सुप्रिया अंबर - जबलपुर, डॉ. सुनील विश्वकर्मा - वाराणसी, अनिल शर्मा - वाराणसी, रबी पाशी - नैनीताल, कृति केसी सक्सेना - आगरा, सुरेश जांगिड़ - वाराणसी, उदय गोस्वामी - भोपाल, डॉ. सोनम सिकरवार - भोपाल, भूपेन्द्र अस्थाना - लखनऊ, अंबरीश मिश्रा - खैरागढ़, राजीब सिकदर - अलीगढ़, अनिता कुमारी - पटना, संजय कुमार राज - लखनऊ, लकी जायसवाल - इंदौर और हिना भट्ट - पुणे के नगर वासियों से विशेष अपील है कि वे शिविर का अवलोकन और कलाकारों से संवाद अवश्य करें साथ ही यह कला शिविर नगर के समस्त कलाप्रेमियों, कला के छात्र छात्राओं के लिए बहुत ख़ास है कि देश के 24 कलाकारों के अलग अलग क्षेत्रीय और समकालीन कला को एक साथ एक मंच पर देख सकते हैं.