BHU ट्रामा सेंटर में बवाल करने वाले 8 नामजद सहित अज्ञात पर FIR दर्ज, छात्रों ने लगाया था ट्रामा सेंटर प्रभारी पर बदसलूकी का आरोप...
बीएचयू ट्रामा सेंटर में उपद्रव करने वाले आठ नामजद सहित अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. सूत्रों के मुताबिक रूटीन चेकिंग के दौरान ही ट्रामा सेंटर के सुरक्षाकर्मियों ने तीन को पकड़कर पुलिस को सौंपा था, लेकिन आरोप है की दो को चौकी से छोड़ देने के कारण ही यह बवाल बढ़ गया था.
वाराणसी, भदैनी मिरर। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) के ट्रामा सेंटर में घुसकर बवाल करने वाले आठ नामजद सहित अज्ञात पर लंका पुलिस ने प्राथमिकी (FIR) दर्ज की है. 27 अप्रैल को परिजनों को दिखाने गए छात्रों ने आयुष्मान योजना की बात पर चिकित्सकों से कहासुनी होने के बाद ट्रामा सेंटर प्रभारी डाक्टर सौरभ सिंह द्वारा बंधक बनाने का आरोप लगाते हुए सिंहद्वार बंद कर हंगामा काटा था.
सुरक्षा पर्यवेक्षक शिवशंकर सिंह यादव ने प्राथमिकी में लिखा है की वह ट्रामा सेंटर प्रभारी सौरभ सिंह के साथ रूटीन चेकिंग कर रहे थे. सुबह करीब 10:30 बजे भ्रमण के दौरान आर्थो अनुभाग के कक्ष संख्या 6 और 7 में चेकिंग के दौरान मरीजों को तीन बाहरी व्यक्तियों जिनका मेडिकल कार्य से कोई सम्बन्ध नहीं है जिनका नाम क्रमशः गोविन्द, अमित यादव और आनन्द हैं. ये लोग मरीजों को अन्य जगह से एक्सरे, एमआरआई व दवाई लाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे थे, इस पर आपत्ति व्यक्त की गयी. पूछताछ करने पर उन तीनों बाहरी एवं अवांछनीय तत्वों ने बताया कि हम लोग प्रत्येक बृहस्पतिवार को आते हैं और ओ.पी.डी में कुछ डाक्टर के साथ रहते है. जब तक ओपीडी चलती है हम लोग अपने हिसाब से इच्छानुसार कार्य करते व कराते रहे हैं. इस पर तीनों को पकड़कर नगवा पुलिस चौकी को सौप दिया गया.
सूत्रों के मुताबिक चौकी प्रभारी नगवां ने बिना किसी तस्दीक अथवा जांच पड़ताल के ही उनमें से दो को छोड़ दिया, जिसके बवाल बढ़ गया. तहरीर के मुताबिक समय लगभग 12:20 बजे दोपहर पकड़े गए तीनों व्यक्तियों और सम्भवतः अन्य लिप्त व्यक्तियों द्वारा उकसाने पर 10 से 15 और शरारती और अवांछनीय तत्व शोर-शराबा, गाली- गलौज तथा नारेबाजी करते हुए ट्रामा सेन्टर चिकित्सालय परिसर में चढ़ गये.
पुलिस ने तहरीर के आधार पर गोविंद, अमित यादव, आनंद, अजीत यादव, शशांक यादव, अनिल यादव, हिमांशु, रंजीत यादव के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 332, 353, 186, 504, 506, 109 के आलावा आपराधिक कानून (संशोधित) अधिनियम 1932 की धारा 7 और उत्तर प्रदेश चिकित्सा परिचर्या सेवा कर्मी और चिकित्सा परिचर्या सेवा संस्था अधिनियम 2013 की धारा 3A के मुताबिक प्राथमिकी दर्ज की है.