सीर गोवर्धनपुर में रैदासियों के पहुंचने का क्रम जारी, जाने कैसी चल रही तैयारियां...
मन चंगा तो कठौती में गंगा ...का संदेश देने वाले संत रविदास के सपनों का गांव बेगमपुरा सज गया है.
वाराणसी, भदैनी मिरर। मन चंगा तो कठौती में गंगा ...का संदेश देने वाले संत रविदास के सपनों का गांव बेगमपुरा सज गया है. माघी पूर्णिमा को होने वाले रविदास जयंती की तैयारी की कमान पंजाब से आए सेवादारों ने संभाल ली है. संत रविदास की जन्मस्थली सीर पिछले बार की अपेक्षा इस बार ज्यादा भव्य रुप से सजाया जा रहा है. एक तरफ दुकान लगने लगी है तो दूसरी तरफ संत रविदास का मंदिर सजने लगा है. मेला क्षेत्र में दुकानों का किराया एक हजार रुपए प्रतिदिन है. मेला क्षेत्र में कपड़े की दुकान लगाने वाले नसीम ने बताया कि इस बार हमें उम्मीद है कि काफी मुनाफा होगा. हमने टेंट का 1 हजार और जमीन का 10 हजार रुपए 6 दिन के लिए दिया है, कुल मिलाकर 16 हजार रुपए में हमने अपनी दुकान लगाई है.
इन सबके साथ ही रविदास पार्क को विभिन्न प्रकार के फूलों से सजाने की शुरूआत युद्धस्तर पर चल रहा है. जयंती समारोह को भव्य और दिव्य बनाने के लिए विशेष अभियान जारी है. बता दें कि रविदास जयंती में शामिल होने के लिए काशी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आ रहे हैं. यहां पर संत रविदास की 25 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण करेंगे. इसके साथ ही म्यूजियम की आधारशिला भी रखेंगे. पीएम मोदी मंदिर पहुंचने के साथ ही संत निरंजन दास से मुलाकात करेंगे.
दुल्हन की तरह सज रहा रविदास पार्क
साफ-सफाई के लिए विशेष अभियान चल रहा है. सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस की दो अस्थाई चौकियां बना दी गई हैं. सीर गोवर्धनपुर में नव निर्मित संत रविदास पार्क को 20 हजार फूलों के विभिन्न किस्म से सजाने का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है. इसके आलावा ढाई लाख स्क्वायर फीट पार्क में कोलकाता का ग्रीन ग्रास मंगा कर लगाने का कार्य भी चल रहा है. पार्क को सजाने संवारने के लिए 250 मजदूर दो माह से काम कर रहे हैं.
सीर में उमड़ने लगा हुजूम
सीर गोवर्धनपुर में लगने वाले मेला क्षेत्र में देश के साथ ही विदेशों से भी रैदासी पहुंचने लगे हैं और उम्मीद की जा रही है कि इस वर्ष करीब 5 लाख से ज्यादा रैदासी दर्शन के लिए पहुंच सकते हैं. जयंती के पहले 50 हजार रैदासी और सेवादार सीर गोवर्धनपुर संत रविदास मंदिर पहुंच चुके हैं. यहां पर कीर्तन लंगर और रहने के लिए रविदासियों को निशुल्क व्यवस्था की गई है.