4 महीने से गायब छात्रा के लिए महिला संगठनों ने निकाला जुलूस, पुलिस पर लगाया हीलाहवाली का आरोप, सकुशल बरामदगी की मांग

शिवपुर दनियालपुर इलाके में कक्षा 11 की छात्रा खुशी पाल (17) को गायब हुए करीब 4 महीने हो गए है. छात्रा का पता लगाने में पुलिस अबतक तक नाकाम है. वहीं इसे मामले को लेकर बुधवार को विभिन्न सामाजिक संगठनों ने जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया.

4 महीने से गायब छात्रा के लिए महिला संगठनों ने निकाला जुलूस, पुलिस पर लगाया हीलाहवाली का आरोप, सकुशल बरामदगी की मांग

वाराणसी, भदैनी मिरर। शिवपुर दनियालपुर इलाके में कक्षा 11 की छात्रा खुशी पाल (17) को गायब हुए करीब 4 महीने हो गए है. छात्रा का पता लगाने में पुलिस अबतक तक नाकाम है. वहीं इसे मामले को लेकर बुधवार को विभिन्न सामाजिक संगठनों ने जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया. साथ ही जिला मुख्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम संबोधित पत्र जिलाधिकारी को सौंपते हुए गुमशुदा नाबालिग छात्रा खुशी पाल के सकुशल बरामदगी की मांग की.

इस मामले में सामाजिक संगठनों ने शिवपुर पुलिस द्वारा टालमटोल का आरोप लगाया जा रहा है. साथ ही नाबालिग की बरामदगी के लिए परिजनों से सरकारी गाड़ी में पेट्रोल के नाम पर रुपए मांगे जा रहे है. अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन, भगत सिंह स्टूडेंट्स मोर्चा और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन के सैकड़ों कार्यकर्ता और गुमशुदा छात्रा की मां ने बताया कि उनकी बेटी 12 अप्रैल को सुबह बाहर गई थी, उसके बाद वापस नहीं लौंटी.

परिजनों का आरोप

परिजन अपने बेटी को खोजने के लिए शिवपुर थाने का चक्कर लगाते रहे, लेकिन शिवपुर पुलिस मामले में टालमटोल करती रही. काफी टालमटोल के 10 दिन बाद शिवपुर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया. परिजनों का आरोप है की शिवपुर पुलिस ने गाड़ी में पेट्रोल भराने के नाम पर परिजनों से 50 हजार रुपयों की मांग की है. साथ ही बताया कि पैसे देने के बाद तीन दिन के भीतर उनकी लड़की को सकुशल बरामद कर लेंगे.

सामाजिक संस्था दखल की इन्दु पांडेय ने बताया कि शिवपुर पुलिस मामले में हीलाहवाली कर रही है. खुशी पाल की अभी तक बरामदगी न होने से परिजन सदमें में है. अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन की प्रदेश सचिव कुसुम वर्मा ने बताया कि इस संबंध में संगठन ने जिलाधिकारी और पुलिस कमिश्नर से मिलने का प्रयास किया, लेकिन प्रशासन की तरफ से अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया.

प्रदर्शन करने वालों में इप्शिता, सोनाली यादव, कृपा वर्मा, सोनी, शीला, विभा, सुतपा, नैना, भारती, रानी, हेमा, समेत सैकड़ों महिलाएं, बच्चे और संगठनों के कार्यकर्ता शामिल रहे.