ज्ञानवापी प्रकरण में अखिलेश यादव और ओवैसी पर केस दर्ज करने की मांग खारिज, कोर्ट में बयानबाजी के खिलाफ दायर थी याचिका...

एमपी-एमएलए कोर्ट वाराणसी ने अखिलेश यादव और असीदुद्दीन ओवैसी को राहत दे दी है. ज्ञानवापी प्रकरण को लेकर की गई बयानबाजी पर एफआईआर दर्ज करने की मांग वाली याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है.

ज्ञानवापी प्रकरण में अखिलेश यादव और ओवैसी पर केस दर्ज करने की मांग खारिज, कोर्ट में बयानबाजी के खिलाफ दायर थी याचिका...

वाराणसी, भदैनी मिरर। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के दौरान मिले शिवलिंगनुमा आकृति को लेकर किए सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव और एमआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के किए गए बयानबाजी को लेकर केस दर्ज करने की मांग कोर्ट ने खारिज कर दी है. एसीजेएम एमपी-एमएलए कोर्ट उज्ज्वल उपाध्याय की अदालत ने सुनवाई के बाद पिछली तिथि पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. इस प्रकरण में याचिका वादी खुद अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय और उनके अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह की तरफ से दायर की गई थी.

प्रकरण के अनुसार सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा की प्रार्थना पत्र में अखिलेश यादव और ओवैसी बंधु के बयान के संबंध में राज्य और उसकी एजेंसी का प्राथमिक उतरदायित्व है. जिस घटना के संबंध में कहा गया है, प्रार्थी को ही जानकारी में नहीं है. राज्य और उसकी एजेंसी को कानून व्यवस्था बिगड़ने की स्थिति या कोई हिंसा के लिए उकसाने की स्थिति उत्पन होती प्रतीत नहीं होती है. इन परिस्तिथियों में कोई संज्ञेय अपराध नहीं पाया जाता, इसलिए अर्जी खारिज कर दी गई.

आरोप था की अखिलेश यादव और ओवैसी बंधुओं द्वारा दिए गए बयानबाजी से हिंदुओं की आस्था आहत हुई. ज्ञानवापी में काफी संख्या में एक विशेष वर्ग के लोगों ने सैकड़ों की संख्या में जुटकर भड़काऊ नरेबाजी की. इस मामले में ज्ञानवापी मस्जिद के अंजुमन इंतजामिया कमेटी के अध्यक्ष मौलाना अब्दुल वाकी, मुफ्ती-ए-बनारस मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी, कमेटी के संयुक्त सचिव सैय्यद मोहम्मद यासीन और बयान देने वाले नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है.