पीएम मोदी के वाराणसी दौरे पर अजय राय ने साधा  निशाना, कहा- फिर वापस लौटे पर काशी की...

उ.प्र.कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने एक बार फिर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है. अजय राय ने मीडिया से बातचीत के दौरान पीएम मोदी के वाराणसी दौरे को लेकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री अपने क्षेत्र काशी का रात्रि प्रवास सहित एक और दौरा कर फिर वापस लौटे पर काशी की जन समस्याओं से जुड़े उन सवालों का कोई उत्तर इस बार भी काशी को नहीं मिला.

पीएम मोदी के वाराणसी दौरे पर अजय राय ने साधा  निशाना, कहा- फिर वापस लौटे पर काशी की...

वाराणसी ,भदैनी मिरर। उ.प्र.कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने एक बार फिर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है. अजय राय ने मीडिया से बातचीत के दौरान पीएम मोदी के वाराणसी दौरे को लेकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री अपने क्षेत्र काशी का रात्रि प्रवास सहित एक और दौरा कर फिर वापस लौटे पर काशी की जन समस्याओं से जुड़े उन सवालों का कोई उत्तर इस बार भी काशी को नहीं मिला, जिनका दर्द चुनाव नतीजे में मुखर था. यह दौरा भी मात्र उनके स्वागत का एक और इवेंट रहा.

अजय राय ने कहा, जन समस्या फीडबैक के लिए कार्यकर्ता व जनप्रतिनिधियों से संवाद तक न होना चुनावी नतीजे की गणित को लेकर शायद उनकी राजनीतिक नाराज़गी का इजहार ही है. रही बात किसान की तो वह जब तक एमएसपी न देने की जिद नहीं छोड़ेंगे, किसान के लिये कितने कसीदे पढ़ें, अर्थहीन है. राय ने कहा कि काशी की स्वास्थ्य सेवायें वेन्टिलेटर पर हैं. अपूर्व ताप से जल रही काशी के अस्पतालों में लोगों के इलाज की छोड़ें, शव भी ठीक से रखने की जगह नहीं है. 

उन्होंने आगे कहा, पोस्ट-कोविड व कोविशील्ड प्रभावों से हार्ट अटैक बढ़े पर उसके दबाव के समाधान के लिए बीएचयू हृदय रोग विभाग के अध्यक्ष के अनशन सत्याग्रह को अनैतिक प्रशासनिक अहंकार ने ठेंगे पर रखा और सत्याग्रह को नैतिक समर्थक 94 शिक्षकों को नोटिसें मिलीं, पर काशी के सांसद ने इन गंभीर मुद्दों का कोई संज्ञान दौरे में नहीं लिया.

राय ने कहा कि मोदी जी ने किसान सम्मेलन किया पर धान की नर्सरी अपूर्व तापमान में कैसे बचे, उसकी रोपाई का क्या होगा, अवरोधों से बाधित प्रवाह की गंगा पर निर्भर लिफ्ट नहरों का क्या होगा, बीज एवं खाद की आपूर्ति  की क्या स्थिति है, जगह जगह  अनुत्पादक योजनाओं के लिये किसानों की भूमि की अधिग्रहण नोटिसों पर किसान जन-रोष, अविरल गंगा प्रवाह में बाधा से काशी में भूजल में अपूर्व घटोत्तरी से पेयजल समस्या के हाल क्या हैं, बिजली आपूर्ति की इतनी दुर्दशा क्यों है, जैसे मुद्दों पर सांसद दायित्वबोध दौरे में कत्तई नहीं दिखा.

वहीं प्रधानमंत्री के गंगा आरती में शामिल होने को लेकर कहा, गंगा से जुड़ी एक और इवेंट हिस्सेदारी तो कर गये पर तन्वंगी हुई गंगा की अपूर्व पीड़ा की कोई सुध नहीं ली, जो अविरल गंगा की  बहाली पर काशी में उम्मीद जगाये. काश इस दौरे में काशी व आस पास विकास के नाम पर पुनः लाखों पेड़ों की कटाई एवं उससे पैदा तापमान संकट के समाधान को लेकर उन्होंने जिम्मेदार तंत्र से कोई संवाद एवं समाधान निर्देशों की भी जहमत‌ उठाई होती. नये सत्र से पहले शिक्षा संस्थाओं की समस्यायें समझने की भी उम्मीद लोग अपने सांसद से रखते हैं, पर उसकी कोई पहल या बीएचयू को बिना कार्यकारिणी विधि विरुद्ध अवैध तदर्थवाद पर चलाने के समाधान का कोई आश्वासन भी इस दौरे से सामने नहीं आया.