अफीम बरामदगी मामले में कोर्ट ने सुनाई सजा, वर्ष 1992 से जुड़ा है मामला...
वर्ष 1992 के 30 जुलाई को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के इंटेलिजेन्स आफिसर्स द्वारा छापेमारी कर गांजा और अफीम बरामद किए जाने के मामले में कोर्ट ने शनिवार को सजा सुना दिया.
वाराणसी, भदैनी मिरर। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के इंटेलिजेन्स ऑफिसर द्वारा छापेमारी कर गांजा और अफीम बरामदगी मामले में कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. शनिवार को विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण) अभय कृष्ण तिवारी की अदालत ने शनिवार को रानी बाजार (रोहनिया) निवासी पूर्व जिला पंचायत सदस्य श्यामजी जायसवाल और उसके भाई अशोक जायसवाल, मोहनलाल और भाईलाल कन्नौजिया को 10 साल की सजा सुनाई है. दोनों भाइयों पर एक-एक लाख और अन्य दोनों अभियुक्तों पर 50-50 हजार रुपए से अर्थदंड भी दिया है.
मामले की पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक अरुण श्रीवास्तव व एडीजीसी रोहित मौर्य के मुताबिक अभियुक्त अशोक जायसवाल की राजातालाब में सरकारी भांग की दुकान थी. 30 जुलाई 1992 को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के इंटेलिजेन्स ऑफिसर ने दुकान पर छापा मारा था. अभियुक्त मोहनलाल गुप्ता और भाईलाल कन्नौजिया के पास से 110 पुड़िया गांजा बरामद हुआ. अधिकारियों ने अशोक जायसवाल के आवास पर भी छापा मारा. भाई श्यामजी जायसवाल की निशानदेही पर अशोक जायसवाल के कमरे से 7.3 किलो गांजा और 230 ग्राम अफीम बरामद हुई.