जज को धमकी देने के मामले में मुकदमा दर्ज, रजिस्टर्ड डाक भेजकर कहा था 20 फीसदी मुसलमानों से डर कैसा..?
सिविल जज सीनियर डिविजन वाराणसी रवि दिवाकर को धमकी देने के मामले में कैंट पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है. अर्दली की तहरीर पर मुकदमा पंजीकृत कर विवेचना जारी कर दी गई है. घटना के अनावरण के लिए कैंट पुलिस, क्राइम ब्रांच के अलावा एसटीएफ और एटीएस के एक्सपर्ट्स की भी मदद पुलिस ले रही है.
वाराणसी,भदैनी मिरर। ज्ञानवापी सर्वे का आदेश देने वाले सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर को चिट्ठी भेजकर धमकी देने के मामले में कैंट थाने की पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. पुलिस ने मुकदमा जज के अर्दली राजेश कुमार सोनकर की तहरीर पर दर्ज किया है.
उधर जज को चिट्ठी भेजने और इंटरनेट कॉल करने वालों का पुलिस पता नहीं कर पाई है, प्रकरण की जांच डीसीपी वरुणा जोन आदित्य लांग्हे को सौंपी गई थी. पुलिस ने जज की सुरक्षा के अतिरिक्त प्रबंध कर रखें है.
रजिस्टर्ड डाक से मिली थी अर्दली को चिट्ठी
तहरीर के मुताबिक अर्दली राजेश कुमार सोनकर को बीते 7 मई को सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर के नाम से आया एक रजिस्टर्ड लेटर उन्हें मिला था. लेटर पर भेजने वाले का नाम इस्लामिक आगाज मूवमेंट का अध्यक्ष काशिफ अहमद सिद्दीकी लिखा था. लेटर भेजने वाले का पता नई दिल्ली स्थित बहादुर शाह जफर मार्ग अंकित था. लेटर में लिखा था कि आपने ज्ञानवापी के सर्वे के लिए एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया तो वादी पक्ष की महिलाएं एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर हम हिंदू हैं कहते हुए मुसलमानों पर फब्तियां कस रही थीं. उस दौरान आप मूकदर्शक बने हुए थे, क्योंकि आप भी काफिर मूर्तिपूजक हैं.
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20 फीसदी मुसलमानों से डर कैसा
जज को मिली चिट्ठी में लिखा था की आजकल हिंदू न्यायाधीशों का अंडरवियर भी केसरिया हो गया है. कोई भी मुसलमान काफिर मूर्तिपूजक हिंदू जज से सही फैसले की उम्मीद नहीं कर सकता है. आपके साथ 80 प्रतिशत हिंदू हैं तो 20 प्रतिशत मुसलमानों से डर कैसा है. आप निर्भीक होकर फैसला सुनाइए और फिर राज्यसभा सदस्य बन जाइए. आप जेड प्लस या एसपीजी सुरक्षा लेकर पांच सितारा होटल में जश्न मनाइए. आप और आपके घर के लोग सुरक्षित रहेंगे. उग्रवादी संगठन आरएसएस ने गुजरात की तरह यूपी में दंगा कराने की साजिश रच ली है. हिंदुओं की सरकार है तो हिंदुओं को डर कैसा...?
आप केसरिया भगवा रंग से सराबोर हो चुके हैं. आप उग्रवादी हिंदुओं और उनके संगठनों को प्रसन्न करने के लिए फैसला सुनाते हैं और ठीकरा विभाजित भारत के मुसलमानों पर फोड़ते हैं. आपको पूरी सरकारी मशीनरी का संरक्षण प्राप्त है तो फिर आपकी पत्नी और आपकी माताश्री को डर कैसा...? इस पत्र को भी सार्वजनिक कीजिए और हिंदू सहानुभूति का आनंद लीजए.
आरोपी जल्द सलाखों के पीछ होंगे
इस संबंध में वाराणसी कमिश्नरेट के पुलिस अफसरों ने बताया कि क्राइम ब्रांच और कैंट थाने की पुलिस की संयुक्त टीम प्रकरण की जांच कर रही है। रजिस्टर्ड चिट्ठी में जो पता लिखा था डाक विभाग की मदद से उसकी भी तस्दीक कराई जा रही है. इस संबंध में एटीएस और एसटीएफ जैसी एक्सपर्ट एजेंसिंयों की भी मदद ली जा रही है. पूरी उम्मीद है कि इस घटना का खुलासा जल्द होगा और जल्द ही चिट्टी भेजने वाले सलाखों के पीछ होंगे.