मंकीपॉक्स को लेकर CMO बोले: परेशान होने की कोई जरूरत नहीं बनारस में रिजर्व करा लिए गए है बेड, जाने लक्षण और बचाव...
विदेशों में तेजी से फैल रहे मंकीपॉक्स को लेकर सरकार पूर्ण रूप से गंभीर है। इसी क्रम में वाराणसी के सभी सरकारी व निजी चिकित्सालयों एवं ग्रामीण व शहरी स्वास्थ्य केन्द्रों को जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के निर्देशन में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए हैं।
वाराणसी भदैनी मिरर। विदेशों में तेजी से फैल रहे मंकीपॉक्स को लेकर सरकार पूर्ण रूप से गंभीर है। वर्तमान में देश के दक्षिण प्रान्तों में इस रोग के पुष्ट मरीज मिले हैं। इसको लेकर सरकार ने विस्तृत दिशा निर्देश जारी किये हैं। इसी क्रम में वाराणसी के सभी सरकारी व निजी चिकित्सालयों एवं ग्रामीण व शहरी स्वास्थ्य केन्द्रों को जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के निर्देशन में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए हैं।
इसे लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि मंकीपॉक्स चेचक से मिलते जुलते परन्तु कम गम्भीर लक्षणों वाला एक वायरल जुनोटिक रोग है जो मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के ऊष्ण कटिबंधी वर्षावन क्षेत्रों में होता है। उन्होंने कहा कि अब तक वाराणसी ऐसा कोई भी केस नहीं मिला है इसके बाद भी प्रशासन अलर्ट है और संभावित मरीजों की निर्धारित संख्या के आधार पर पीएचसी और सीएचसी सेंटरों पर बेड रिजर्व कर लिया गए हैं। उन्होंने बताया की यह रोग ज्यादातर एक दूसरे के संपर्क में आने से फैल रहा है। उन्होंने लोगों से अपील की है की समाजिक दूरी बनाए रखें, साफ सफाई और सेनिटाइजेशन का ध्यान रखें।
कोविड चिकित्सालयों में 10-10 बेड आरक्षित
सीएमओ ने बताया कि मंकीपोक्स के रोगियों के उपचार के लिए जनपद के सभी सरकारी व निजी कोविड चिकित्सालयों में 10-10 शैय्या (बेड) आरक्षित किए गए हैं जिससे आवश्यकता पड़ने पर उनका प्रयोग मंकी पॉक्स के रोगियों के आईसोलेशन तथा उपचार के लिए किया जा सके।
इस तरह बरतें सावधानी
सीएमओ ने बताया की मंकी पिक्स के रोगी को आइसोलेशन में रखा जाना चाहिए। आस-पास के व्यक्तियों के एक्सपोजर को रोकने के लिए सभी आवश्यक सावधानी बरती जानी चाहिए। रोगी की नाक और मुँह पर सर्जिकल मास्क लगाना चाहिए, रोगी की त्वचा के घावों को एक चादर अथवा गाउन से ढक कर रखना चाहिए। प्रभावित व्यक्तियों को त्वचा के लीजन्स के सभी कृष्ट खत्म हो जाने तक इम्यूनोकोमप्रोमाइज्ड (प्रतिरक्षा में अक्षम) व्यक्तियों और गर्भवती के साथ निकट सम्पर्क से बचना चाहिए। आईसोलेशन की सावधानियों तब तक जारी रखनी चाहिए जबतक कि सभी घाव ठीक न हो जाये और त्वचा की एक नयी परत न बन जाये ।
संक्रमण से इस तरह करें बचाव
मरीजों को परिवार के अन्य सदस्यों से अलग कमरे या क्षेत्र में रखा जाना चाहिए। परिवार के स्वस्थ्य सदस्यों को रोगी के साथ सम्पर्क सीमित रखना चाहिए।
आवश्यक चिकित्सीय देखभाल के अतिरिक्त रोगी को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए।
किसी भी आगन्तुक को घर पर आगमन की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
रोगियों को विशेष रूप से ऐसे रोगी जिन्हे श्वसन तंत्र सम्बन्धी लक्षण है (जैसे खाँसी, सांस लेने में तकलीफ, गले में खरास इत्यादि) सर्जिकल मास्क पहनना चाहिए। यदि यह सम्भव नहीं है तो रोगी की उपस्थिति में घर के अन्य सदस्यों को सर्जिकल मास्क पहनने चाहिए।
किसी बीमार व्यक्ति के सम्पर्क में आने वाले किसी भी सामग्री जैसे बिस्तर इत्यादि के सम्पर्क में आने से बचें।
संक्रमित मरीजों का दूसरे से अलग आइसोलेट कर रखे।
संक्रमित जानवरों या मनुष्यों के सम्पर्क में आने के उपरान्त साबुन से हाथ धोने या अल्कोहल आधारित हैण्ड सेनेटाइजर का ध्यान रखें।
सामान्य लक्षण
अस्पष्ट प्रकृति रैश
बुखार
लिम्फ नोड (लसीका पात्र) में सूजन,
सिर दर्द
थकावट व असामान्य कमजोरी
मांसपेसियों में दर्द
ठंड लगना या पसीना आना
गले में खरांश आर खांसी
कोविड के नए आंकड़े से न हों परेशान
शहर में कोविड के बढ़ते मामलों पर भी सीएमओ ने कहा कि जो भी आंकड़ें बढ़ें हैं उन्हें लेकर परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। साधारण वायरल की वजह से ऐसा हुआ है। कोई भी मरीज न तो भर्ती हुआ है न ही ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी है। फिर भी एहतियात बरतें उन्होंने लोगों से अपील की है की जल्द से जल्द प्रिकॉशन डोज कंप्लीट कर लें।