BHU के सर सुंदरलाल अस्पताल में पर्ची फीस के शुल्क में 50 फीसदी की बढ़ोत्तरी..
सर सुंदरलाल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. केके गुप्ता ने इस संदर्भ में बताया कि बिजली, पेट्रोल और डीजल का दाम बढ़ा। सैलरी और खर्च बढ़े, मगर OPD का शुल्क 15 साल से नहीं बढ़ाया गया था। अब हॉस्पिटल मैनेजमेंट कमेटी ने फैसला लिया कि इसका रेट बढ़ाया गया। रेट बढ़ाने का फैसला 1 महीने पहले ही ले लिया गया था।
वाराणसी,भदैनी मिरर। बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल के OPD की फीस 50% तक बढ़ा दी गई है। पहले मरीजों की जो पर्ची 20 रुपए में बनती थी अब वह बढ़ाकर 30 रुपये कर दी गई है। बता दें कि रविवार को ही BHU में नए VC की नियुक्ति हुई है। लेकिन इस संदर्भ में अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि OPD फीस 30 रुपए किए जाने को लेकर 15 दिन पहले ही निर्णय लिया गया था। जिसे सोमवार से लागू कर दिया गया है।
पिछले सप्ताह ही बन्द हुई ऑनलाइन बुकिंग
पिछले सप्ताह से ऑनलाइन OPD बुकिंग सिस्टम को खत्म कर ऑफलाइन कर दिया गया था। इसके बाद से ही अस्पताल प्रशासन पर्ची का रेट बढ़ाने पर विचार कर रहा था। रेट बढ़ जाने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इधर, रेट बढ़ने की भनक पाते ही BHU के छात्रों के दल में नाराजगी भी दिखी।
बिजली खर्च के वहन के लिए बढ़ी फीस
सर सुंदरलाल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. केके गुप्ता ने इस संदर्भ में बताया कि बिजली, पेट्रोल और डीजल का दाम बढ़ा। सैलरी और खर्च बढ़े, मगर OPD का शुल्क 15 साल से नहीं बढ़ाया गया था। अब हॉस्पिटल मैनेजमेंट कमेटी ने फैसला लिया कि इसका रेट बढ़ाया गया। रेट बढ़ाने का फैसला 1 महीने पहले ही ले लिया गया था। अब उसका नोटिफिकेशन बढ़ा दिया गया है। BHU मेडिकल कॉलेज में हर साल 8 करोड़ रुपए बिजली का बिल आता है। उनके खर्च का वहन कैसे होगा।
अस्पताल की बढ़ेगी आमदनी
चिकित्सा अधीक्षक प्रो. केके गुप्ता के अनुसार, सर सुंदरलाल अस्पताल में रोज एक हजार मरीज इलाज के लिए आते हैं। इस आंकड़े के अनुसार अब फीस बढ़ने पर 10 रुपए हर मरीज पर अस्पताल को फायदा होगा, जो अन्य सुविधाओं पर खर्च किए जाएंगे। 1000 मरीजों पर 10 हजार रुपए प्रतिदिन की आमदनी अस्पताल प्रशासन की बढ़ेगी।
मरीजों में आक्रोश
बढ़ी हुई पर्ची फीस को लेकर मरीजों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि रेट बढ़ा देने से मरीजों को कौन-सी सुविधाएं मुहैया करा दी जाएंगी। बड़ी-बड़ी इमारतों में कोई लिफ्ट तक ठीक नहीं है। मरीजों को कंधे पर उठाकर लोग सीढ़ियां चढ़ने को मजबूर हैं। आखिरकार इस तरह की तंगहाली अस्पताल में कब तक रहेगी।
BHU में कायाकल्प के नाम पर बिना बात के फर्श के ऊपर फर्श बिछाए जा रहे हैं। इससे मरीजों को फूटी कौड़ी का लाभ नहीं होने वाला। मगर, जहां मरीजों की सुविधाओं की बात आती है, वहां पर अस्पताल अपनी फीस ही बढ़ा देता है। जांच ढंग से नही होती है। कुछ जांच होती भी हैं तो मरीजों को महीनेभर डेट का इंतजार करना पड़ जाता है। वहीं जांच के लिए अस्पताल से लेकर IMS मेडिकल कॉलेज तक के चक्कर काटने पड़ते हैं। सिंगल विंडो सिस्टम की भी व्यवस्था नहीं की गई।