कमिश्नरेट पुलिस को बड़ी सफलता: गिरफ्तार हुए पिता-पुत्री ने बताया 50 लाख में पक्की हुई थी डील, सॉल्वर गैंग ने लिए थे 5 लाख एडवांस...

Big success for Commissionerate Police Arrested father-daughter told that the deal was confirmed for 50 lakhsकमिश्नरेट पुलिस को बड़ी सफलता: गिरफ्तार हुए पिता-पुत्री ने बताया 50 लाख में पक्की हुई थी डील, सॉल्वर गैंग ने लिए थे 5 लाख एडवांस...

कमिश्नरेट पुलिस को बड़ी सफलता: गिरफ्तार हुए पिता-पुत्री ने बताया 50 लाख में पक्की हुई थी डील, सॉल्वर गैंग ने लिए थे 5 लाख एडवांस...
कमिश्नरेट पुलिस द्वारा गिरफ्तार गोपाल विश्वास

वाराणसी, भदैनी मिरर। लंबे समय से तलाश कर रही कमिश्नरेट पुलिस के सारनाथ थाने को बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने पिता-पुत्री दोनों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर दिया है। जहाँ से बाल अपचारी को राजकीय संप्रेक्षण गृह, बाराबंकी भेजा गया और एडीसी साउथ कचुचारा जिला धलाई त्रिपुरा निवासी पिता गोपाल विश्वास को न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार, वाराणसी भेजा गया। पुलिस ने 12 सितंबर 2021 को राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (NEET-UG) की परीक्षा के दौरान गिरफ्तार युवती के जगह पर परीक्षा दे रही कुमारी जुली और उनकी माँ बबिता को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद सॉल्वर गैंग का भंडाफोड़ हुआ था।

सॉल्वर गैंग को 5 लाख दिया था एडवांस

पुलिस पूछताछ में गिरफ्तार गोपाल विश्वास ने बताया कि वह त्रिपुरा में मेडिकल स्टोर चलाते हैं। उन्होंने अपनी पुत्री का एमबीबीएस में एडमिशन कराने के लिए त्रिपुरा के ही प्रदीप्त भट्टाचार्य और मृत्युंजय देवनाथ से संपर्क किया, जिन्होंने नीलेश उर्फ PK और डॉ. ओसामा शाहिद के माध्यम से सॉल्वर बिठाकर परीक्षा पास कराने हेतु 50 लाख में सौदा तय किया। एडवांस में 5 लाख रुपए प्रदीप्त, मृत्युंजय और नीलेश उर्फ PK के बैंक अकाउंट में जमा किया। एवं इनकी पुत्री के स्थान पर सॉल्वर के रूप में परीक्षा दिलाने के लिए काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के BDS द्वितीय वर्ष की छात्रा कुमारी जुली के साथ फोटो को मिक्स कराकर फॉर्म भरवाया।  

सॉल्वर गैंग के सदस्यों ने दिल्ली घुमाया 

गोपाल विश्वास ने पूछताछ में बताया कि आस-पड़ोस और परिजनों को  विश्वास दिलाने के लिए की उनकी पुत्री ही NEET की परीक्षा दी है, इसके लिए प्रदीप्त भट्टाचार्य, गोपाल विश्वास अपनी पुत्री संग 9 सितंबर को ही एयर इंडिया की फ्लाइट से अगरतला से दिल्ली गए, जबकि NEET परीक्षा केंद्र वाराणसी में था। तीन दिनों तक दिल्ली में विभिन्न स्थानों पर घूमने के बाद 13 सितंबर  की सुबह दिल्ली से वापस एयर इंडिया की फ्लाइट से अगरतला, त्रिपुरा पहुंचे तो कुमारी जुली को पकड़े जाने की सूचना प्रदीप्त और मृत्युंजय ने पिता-पुत्री को दी।