BHU कुलपति ने हॉस्टल से जुड़े विषयों पर की समीक्षा बैठक, बोले- छात्रावासों में अनाधिकृत रूप से रहने वालों के प्रति जारी रहेगी सख़्ती...
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) के कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कहा है विद्यार्थियों को छात्रावासों में जीवंत एवं सकारात्मक वातावरण देने के लिए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय निरंतर प्रयासरत है
वाराणसी, भदैनी मिरर।। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) के कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कहा है विद्यार्थियों को छात्रावासों में जीवंत एवं सकारात्मक वातावरण देने के लिए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय निरंतर प्रयासरत है और इस दिशा में अब तक किये गए कार्य के उत्साहजनक नतीजे भी सामने आ रहे हैं. विश्वविद्यालय के विभिन्न छात्रावासों के संबंध में स्वतंत्रता भवन के सेनेट हॉल आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रोफेसर जैन ने कहा कि जब महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी ने एक आवासीय विश्वविद्यालय के रूप में बीएचयू की संकल्पना की थी, तब उनका विचार था कि विद्यार्थी अधिक से अधिक समय शिक्षकों के सान्निध्य में रहें तथा अपने जीवन को सही दिशा में आगे बढ़ाने हेतु निरंतर मार्गदर्शन प्राप्त करते रहें. कुलपति ने कहा कि बतौर शिक्षक हम सबके पास ये अवसर है कि हम विद्यार्थियों के विकास के लिए स्वयं को समर्पित कर कार्य करें.
प्रो. जैन ने कहा कि छात्रावासों से जुड़ी समस्याओं के बेहतर प्रबंधन और निगरानी के लिए अनेक व्यवस्थाएं की गई हैं, जिनसे ज़मीनी स्तर पर स्थिति काफी बदली है. उन्होंने कहा कि छात्रावासों में अनाधिकृत रूप से रहने वालों के प्रति विश्वविद्यालय सख्ती से पेश आता रहेगा. उन्होंने कहा कि इस संबंध में विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रावासों को पूर्ण सहयोग उपलब्ध करा रहा है. उन्होंने सुझाव दिया कि छात्रावासों में प्रभावी प्रबंधन के लिए एक ऐप तैयार किये जाने पर विचार होना चाहिए, जिसमें छात्रावास के प्रशासन से जुड़े लोग चुनौतियों, समस्याओं, समाधान, व सुधार को उल्लिखित करें. साथ ही साथ विभिन्न मानकों जैसे छात्रावास की सफाई, शौचालय की व्यवस्था, पानी की गुणवत्ता, मेस की सफाई व रखरखाव, बिजली व मरम्मत का कार्य, अनुशासन, अनाधिकृत रूप से रहने वाले, खेल गतिविधियां, तथा बागवानी के मानकों पर छात्रावास संरक्षक अपना फीडबैक नियमित रूप से उपलब्ध कराते रहें, ताकि स्थिति में निरंतर सुधार सुनिश्चित किया जा सके.
कुलपति ने कहा कि छात्रावासों में बौद्धिक वातावरण के निर्माण की ओर और अधिक कार्य किये जाने की आवश्यकता है. विद्यार्थी छात्रावासों के साथ ऐसा जुड़ाव महसूस करें कि वे जीवन भर इन यादों के साथ रहें व छात्रावास के प्रति गर्व की अनुभूति करें. कुलपति जी ने छात्रावासों की स्थिति में सुधार के लिए छात्र अधिष्ठाता कार्यालय तथा विश्वविद्यालय निर्माण विभाग की सक्रियता की सराहना की.
छात्र अधिष्ठाता प्रो. अनुपम कुमार नेमा ने पिछले एक वर्ष में विद्यार्थी कल्याण की दिशा में छात्रावासों में हुई गतिविधियों व प्रगति की रूपरेखा प्रस्तुत की. उन्होंने बताया कि छात्रावासों के प्रशासनिक संरक्षकों व संरक्षकों के सक्रिय योगदान के परिणामस्वरूप विश्वविद्यालय द्वारा आरंभ की गई अनेक कल्याण पहलों के सकारात्मक असर देखने को मिल रहे हैं. इस दौरान आयोजित अनेक गतिविधियों व सत्रों का विद्यार्थियों ने भरपूर लाभ उठाया है. विद्यार्थी कल्याण सलाहकार कमाण्डर (सेवानिवृत्त) सयनतन सान्याल ने बताया कि छात्रावासों की मेस में भोजन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए मेस कर्मियों का एफएसएसएआई पंजीकरण कराया जा रहा है और कई मेस में यह कार्य पूरा हो चुका है.
वित्ताधिकारी डॉ. अभय ठाकुर ने कहा कि विश्वविद्यालय के विकास के संबंध में कुलपति के विचार के केन्द्र में छात्रावास और उनका विकास है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय परिवार के सामूहिक प्रयासों से छात्रावासों में विद्यार्थियों के जीवन व अनुभव में काफ़ी गुणात्मक परिवर्तन आया है. उन्होंने कहा कि हमें छात्रावासों में विद्यार्थियों को विभिन्न क्षेत्रों के प्रति जागरूक करने व उनके ज्ञानवर्धन हेतु प्रयास करने चाहिए और यह देखना होगा कि हमारे विद्यार्थियों को छात्रावासों में जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के संबंध में आवश्यक एक्सपोज़र मिल रहा है कि नहीं.
समीक्षा बैठक में विभिन्न संस्थानों के निदेशक, संकाय प्रमुख, विभिन्न छात्रावासों के प्रशासनिक संरक्षक, संरक्षक, विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी, एवं सलाहकार उपस्थित रहे.