गंगा में छोड़ी गई 75 हजार मछलियां, हैचरी में किया गया था तैयार

गंगा में छोड़ी गई 75 हजार मछलियां, हैचरी में किया गया था तैयार

वाराणसी,भदैनी मिरर। जलीय प्रदूषण को करने और जलीय पर्यावरण को संतुलित करने के लिए भारत की प्रमुख नदियों में मत्स्य संपदा में वृद्धि के लिए चलाए जा रहे रिवर रैंचिंग कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को निदेशक, समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण कोच्ची, केरल एम. कार्तिकेयन के मुख्य आतिथ्य में अस्सी घाट पर 75 हजार मछलियों को गंगा में छोड़ा गया। 

नदियों में बढ़ते प्रदूषण के जैव नियन्त्रण हेतु मछलियों की अति
महत्वपूर्ण भूमिका को बताते हुए उप-निदेशक मत्स्य एन.एस.रहमानी ने बताया कि नाइट्रोजन आधारित प्रदूषण को सर्वोच्च गुणवत्ता की प्रोटीन में बदलने की मछलियों की क्षमता के कारण ही रिवर रैंचिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है। 75000
मत्स्य अँगुलिका (मछली के बड़े आकार के बच्चे) जो गंगा नदी से ही पकड़ी गयी मछलियों से अण्डे दिलाकर हैचरी पर तैयार किये गये हैं को मध्य धारा में छोड़ा गया है। श्री रहमानी ने यह भी बताया गया कि भविष्य में जल्द ही पुनः रिवर रैंचिंग के कार्य को कराया जायेगा।

इस दौरान प्रभागीय वनाधिकारी, भूतपूर्व निदेशक मत्स्य, उत्तरप्रदेश एस.के.सिंह , उप निदेशक मत्स्य एनएस रहमानी उ.प्र. के पर्यावरण एवं वन विभाग के ब्रांड एम्बेसेडर अनिल सिंह उप महानिरीक्षक, सीआरपीएफ, डिप्टी कमान्डेण्ड एनडीआरएफ सुनील कुमार सिंह, बुल फिश फार्म प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन के निदेशक पवन सिंह, समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण के उप निदेशक लहरी व रवीन्द्र प्रसाद मुख्य कार्यकारी अधिकारी, मत्स्य व मत्स्य विभाग के कर्मचारी उपस्थित रहे।