LIC की महिला अफसर से उधार के नाम पर हड़पे 15 लाख, CP के निर्देश पर FIR दर्ज कर जांच शुरू

भारतीय जीवन बीमा निगम की महिला अफसर लंका के साकेत नगर निवासी किरन गुप्ता से उनके ही एक परिचित ने वर्ष 2014 में उधार के नाम पर 15 लाख रुपए लिए और हड़प लिए। परेशान होकर महिला ने सीपी से गुहार लगाई।

LIC की महिला अफसर से उधार के नाम पर हड़पे 15 लाख, CP के निर्देश पर FIR दर्ज कर जांच शुरू

वाराणसी,भदैनी मिरर। भारतीय जीवन बीमा निगम की महिला अफसर लंका के साकेत नगर निवासी किरन गुप्ता से उनके ही एक परिचित ने वर्ष 2014 में उधार के नाम पर 15 लाख रुपए लिए और हड़प लिए। महिला ने जब अपने परिचित पहाड़ी निवासी विनोद कुमार सिंह से पैसे मांगे तो उल्टे ही धमकी मिलने लगी। परेशान होकर महिला ने पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश से गुहार लगाई। पुलिस आयुक्त के निर्देश के  पर मंडुवाडीह थाने में पहाड़ी निवासी विनोद कुमार सिंह व उसके बेटे अखिलेश सिंह और स्टाफ मार्कंडेय यादव के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचना और धमकाने सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने प्रकरण की जांच शुरू कर दी है।

किरन गुप्ता ने बताया की वह LIC की अफसर हैं। विनोद कुमार सिंह उनके ऑफिस में आता-जाता रहता था। इसी वजह से उससे संपर्क हुआ और फिर पारिवारिक मित्रता भी हो गई। वर्ष 2014 में विनोद ने उनसे कहा कि उसे पैसे की जरूरत है। यदि वह उसे 15 लाख रुपए दे दें तो वह मड़ौली स्थित अपनी जमीन की लिखापढ़ी कर उन्हें देने के लिए तैयार है। या तो वह जमीन स्वयं बेच देंगी या फिर वह उस जमीन को बेच कर उन्हें पैसा लौटा देगा। विनोद के साथ उसका बेटा अखिलेश सिंह और मार्कंडेय यादव भी थे। विनोद पर विश्वास करते हुए किरन ने आरटीजीएस और चेक के माध्यम से विनोद को 15 लाख रुपए दे दिया। इसके बदले में 50 रुपए के स्टांप पर लिखापढ़ी हुई और विनोद ने उन्हें एक चेक भी दिया।

किरन ने बताया कि लगभग तीन वर्ष बीत जाने के बाद उन्होंने विनोद को अपने घर बुलाकर पैसा लौटाने को कहा। इस पर विनोद ने कुछ और समय देने के लिए कहा। पारिवारिक संबंध होने के कारण वह भी मान गई और विनोद की टालमटोल का सिलसिला 8 साल यानी 2022 तक जारी रहा।

किरन ने बताया कि बीते अप्रैल महीने में उन्होंने विनोद से कहा कि आप रुपए नहीं लौटा पाएंगे। आपकी जो जमीन है उसकी रजिस्ट्री ही हमारे नाम कर दें। इस पर उसने जमीन के कागजात दिए। उन कागजात को सदर तहसील में चेक कराने पर पता लगा कि वह जमीन विनोद के नाम नहीं बल्कि उसकी पत्नी के नाम है।

इस तरह से विनोद ने उनसे झूठ बोला था कि जमीन उसके नाम पर है। विनोद से जब उन्होंने फिर अपने पैसे की मांग की तो वह, अखिलेश और मार्कंडेय उन्हें देख लेने की धमकी देने लगे। इस पर उन्होंने पुलिस कमिश्नर से कार्रवाई की गुहार लगाई। इस संबंध में मंडुवाडीह थाना प्रभारी राजीव सिंह ने बताया कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।