Budget 2024 : किसी ने कहा ना उम्मीदगी का पुलिंदा, तो किसीने बताया कुर्सी बचाओ बजट, जानें विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया... 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज अपना 7वां बजट पेश किया हैं, जिसमें उन्होंने पहली जॅाब पाने वालों, एजुकेशन लोन, किसानों, युवाओं, महिलाओं के लिए कई बड़े ऐलान किए है. वहीं दूसरी ओर बजट को लेकर विपक्षियों की प्रतिक्रियाएं भी आने लगी है. आइए जानते है कि किसने क्या-क्या कहा है..

Budget 2024 : किसी ने कहा ना उम्मीदगी का पुलिंदा, तो किसीने बताया कुर्सी बचाओ बजट, जानें विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया... 

Budget 2024 :वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज अपना 7वां बजट पेश किया हैं, जिसमें उन्होंने पहली जॅाब पाने वालों, एजुकेशन लोन, किसानों, युवाओं, महिलाओं के लिए कई बड़े ऐलान किए है. वहीं दूसरी ओर बजट को लेकर विपक्षियों की प्रतिक्रियाएं भी आने लगी है. आइए जानते है कि किसने क्या-क्या कहा है..

बजट के बाद बोले अखिलेश 

केंद्रीय बजट पेश होने के बाद समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर दो ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी, कहा-ग्यारहवें बजट में बेरोज़गारी-महँगाई, किसान-महिला-युवा का मुद्दा नौ दो ग्यारह हो गया है. वहीं दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा, ये बजट भी ना उम्मीदगी का ही पुलिंदा है शुक्र है इंसान इन हालातों में भी जिंदा है.

राहुल गांधी ने बताया कुर्सी बचाओ बजट

लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष नेता राहुल गांधी ने बजट को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. राहुल ने इसे कुर्सी बचाओ बजट बताया. राहुल गांधी ने इस बजट को सहयोगियों को खुश करने वाला बताया. उन्होंने कहा, बजट में अन्य राज्यों की कीमत पर उनसे (सहयोगियों) खोखले वादे किए गए. राहुल ने कहा, ये बजट अपने मित्रों को खुश करने के लिए लाया गया है. इससे AA (अडानी अंबानी) को लाभ होगा और आम भारतीय को कोई राहत नहीं मिलेगी. इतना ही नहीं राहुल गांधी ने इस बजट को कॉपी पेस्ट करार दिया. राहुल ने दावा किया कि बजट कांग्रेस के घोषणा पत्र और पिछले बजट से कॉपी किया गया है. 

डिंपल यादव ने क्या कहा?

केंद्रीय बजट 2024 पर मैनपुरी से सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा कि, "महिलाओं की सुरक्षा को लेकर होना चाहिए था, (बजट में)कुछ भी नहीं है...किचन का ध्यान नहीं रखा गया है क्योंकि सरकार मंहगाई के बारे में कोई कदम नहीं उठाना चाह रही है...

मायावती ने उठाए सवाल

बसपा सुप्रीमो मायावती ने बजट को लेकर सवाल उठाए है. उन्होंने कहा, संसद में आज पेश केन्द्रीय बजट अपने पुराने ढर्रे पर कुछ मुट्ठी भर अमीर व धन्नासेठों को छोड़कर देश के गरीबों, बेरोजगारों, किसानों, महिलाओं, मेहनतकशों, वंचितों व उपेक्षित बहुजनों के त्रस्त जीवन से मुक्ति हेतु ’अच्छे दिन’ की उम्मीदों वाला कम बल्कि उन्हें मायूस करने वाला ज्यादा.देश में छाई जबरदस्त गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, पिछड़ापन तथा यहाँ के 125 करोड़ से अधिक कमजोर तबकों के उत्थान व उनके लिए जरूरी बुनियादी सुविधाओं के प्रति इस नई सरकार में भी अपेक्षित सुधारवादी नीति व नीयत का अभाव. बजट में ऐसे प्रावधानों से क्या लोगों का जीवन खुश व खुशहाल हो पाएगा?देश का विकास व लोगों का उत्थान आँकड़ों के भूल भुलैया वाला न हो, बल्कि लोगों को त्रस्त जीवन से मुक्ति के लिए रोजगार के अवसर, जेब में खर्च के लिए पैसे/ आमदनी जैसी बुनियादी तरक्की सभी को मिलकर महसूस भी हो. रेलवे का विकास भी अति-जरूरी. सरकार बीएसपी सरकार की तरह हर हाथ को काम दे.

राबड़ी देवी बोली

केंद्रीय बजट में बिहार को 26 हजार करोड़ रुपये देने का एलान किया गया है. इस पर बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और राजद की सांसद राबड़ी देवी ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "राज्य में हत्या और चोरी हो रही है. मजदूरों को उनकी मजदूरी नहीं मिल रही है। युवाओं को नौकरियां नहीं मिल रही औक किसानों की समस्या अभी भी बरकरार है. बिहार को 26 हजार करोड़ रुपये आवंटित करना बिहार को झुनझुना देने के बराबर है.

अजय राय ने लगाया बड़ा आरोप

केंद्रीय बजट पर अजय राय ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि यह बजट जनता को भ्रमित करने वाला बजट है. रोजगार और महंगाई की बात इस बजट में नहीं है. हाईवे तो हमेशा बनता है टूट रहा है. ये बिहार को दे ,या यूपी को दे मुझे नहीं लगता है यूपी के लिये कुछ हुआ है यह बजट यूपी में कुछ नहीं है. केशव प्रसाद मौर्य सता के लिये लालयित है. ओमप्रकाश राजभर भी केशव मौर्य का पुराना दर्द निकल रहा है. यूपी में कुर्सी अब कैंसर बन गया है. केशवमौर्य को सिराथू भी हरा दिया गया बीजेपी सतालोलूपता के लिये काम कर रही है.

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा... 

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस बजट को लेकर कहा, "मैंने आम आदमी के सामने आने वाले मुद्दों के बारे में कुछ भी नहीं सुना। मनरेगा का कोई जिक्र नहीं किया गया। आम व्यक्ति की आय में सुधार के लिए उठाए गए कदमों का अपर्याप्त उल्लेख किया गया है. जब बात गंभीर आय असमानता की आती है तो सरकार की ओर से हमें बहुत कम देखने को मिलता है.