प्रियंका गांधी ने वायनाड सीट से किया चुनाव प्रचार, कहा - आप लोगों ने तब साथ दिया..
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सोमवार को केरल की वायनाड सीट पर उपचुनाव के लिए चुनाव प्रचार किया
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सोमवार को केरल की वायनाड सीट पर उपचुनाव के लिए चुनाव प्रचार किया. इस दौरान उन्होंने रोड शो और जनसभा में भाग लिया, जहां अपने भाई और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी का उल्लेख करते हुए जनता का धन्यवाद किया.
प्रियंका गांधी ने भावुक होकर कहा, "राहुल गांधी के लिए इस सीट को छोड़ना बेहद कठिन था. आपने उनका साथ तब दिया, जब हर किसी ने दूरी बना ली थी. वे निजी तौर पर भी आप लोगों को अपना परिवार मानते हैं.
केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार
प्रियंका ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "बीजेपी सरकार के कारण देश में भय, अविश्वास और गुस्से का माहौल बन गया है। मणिपुर में योजनाबद्ध तरीके से हिंसा को बढ़ावा दिया जा रहा है और संविधान के मूल्यों का उल्लंघन हो रहा है. सरकार की नीतियां आम जनता की बजाय प्रधानमंत्री के कुछ खास दोस्तों के हितों के लिए बनाई जा रही हैं. किसानों और आदिवासियों की जमीनें छिनी जा रही हैं.
वायनाड के मुद्दों पर दिल्ली तक आवाज़ उठाने का संकल्प
वायनाड के स्थानीय मुद्दों जैसे मेडिकल कॉलेज और मानव-पशु संघर्ष को लेकर प्रियंका गांधी ने आश्वासन दिया, "मैं राहुल गांधी की तरह वायनाड के मुद्दों को पूरी ताकत से दिल्ली तक ले जाऊंगी. आज हम संविधान, लोकतंत्र, समानता और सच्चाई के लिए संघर्ष कर रहे हैं. इस लड़ाई में आप सभी बराबरी के भागीदार हैं। आप अपने वोट से इस सच्चाई का समर्थन कर सकते हैं. अगर आप मुझ पर भरोसा करेंगे, तो मैं आपको निराश नहीं होने दूंगी.
उन्होंने वायनाड की जनता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए कहा, "चाहे मैं चुनी जाऊं या न जाऊं, वायनाड के साथ मेरा रिश्ता बना रहेगा. मैं यहां आकर मुद्दों के लिए लड़ने का संकल्प लेती हूं.
मदर टेरेसा को किया याद
अपने पिता राजीव गांधी और मदर टेरेसा को याद करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा, "नामांकन से एक दिन पहले मैं एक सैनिक के घर गई, जहां उनकी मां फ्रेजिया ने मुझे स्नेह दिया। उन्होंने मेरी मां के लिए माला दी. एक ऐसी ही माला मुझे तब मिली थी, जब मेरे पिता की मौत के बाद मदर टेरेसा मेरी मां से मिलने आई थीं. बाद में मैंने मदर टेरेसा की संस्था में काम किया. वहां बच्चों को पढ़ाना, सफाई करना और खाना बनाना मेरे लिए सेवा का एहसास था.
प्रियंका गांधी ने वायनाड की जनता से समर्थन का आह्वान करते हुए विश्वास दिलाया कि वह उनके लिए हरसंभव संघर्ष करेंगी और उनकी उम्मीदों पर खरी उतरेंगी.