दिल्ली में जन्मी आतिशी मार्लेना का वाराणसी से है गहरा कनेक्शन, अब संभालेगी दिल्ली में सीएम की कमान
आतिशी के सीएम बनने के बाद, उन्हें अरविंद केजरीवाल के सबसे विश्वसनीय नेताओं में गिना जा रहा है, जो उनके बढ़ते राजनीतिक प्रभाव और पार्टी के भीतर बढ़ती अहमियत को दर्शाता है. क्या आप जानते है कि अतिशी का वाराणसी और पूर्वांचल से गहरा नाता है.
वाराणसी, भदैनी मिरर। आम आदमी पार्टी के विधायक दल की बैठक में आतिशी मार्लेना को बीते मंगलवार को दिल्ली की नई मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया. विधायक दल की बैठक और वोटिंग प्रक्रिया के बाद आधिकारिक रूप से उनके नाम की घोषणा की गई. आतिशी के सीएम बनने के बाद, उन्हें अरविंद केजरीवाल के सबसे विश्वसनीय नेताओं में गिना जा रहा है, जो उनके बढ़ते राजनीतिक प्रभाव और पार्टी के भीतर बढ़ती अहमियत को दर्शाता है. क्या आप जानते है कि अतिशी का वाराणसी और पूर्वांचल से गहरा नाता है.
कौन हैं आतिशी?
आतिशी का जन्म 8 जून, 1981 को दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर विजय कुमार सिंह और त्रिप्ता वाही के परिवार में हुआ. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा नई दिल्ली के स्प्रिंगडेल स्कूल से पूरी की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली के प्रतिष्ठित सेंट स्टीफेंस कॉलेज से इतिहास में स्नातक किया और फिर ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से शेवनिंग छात्रवृत्ति पर मास्टर की डिग्री हासिल की. कुछ समय बाद, उन्होंने शैक्षिक अनुसंधान में रोड्स स्कॉलर के रूप में ऑक्सफोर्ड से दूसरी मास्टर डिग्री भी प्राप्त की.
आतिशी का वाराणसी और पूर्वांचल से गहरा रिश्ता
दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने से पहले आतिशी का वाराणसी और पूर्वांचल से गहरा संबंध रहा है. उनके पति प्रवीण सिंह मिर्जापुर के अनंतपुर गांव से हैं, और उनका परिवार लंबे समय से वाराणसी के लंका क्षेत्र में निवास कर रहा है. प्रवीण सिंह ने आईआईटी दिल्ली से इंजीनियरिंग और आईआईएम अहमदाबाद से मैनेजमेंट की पढ़ाई पूरी करने के बाद समाज सेवा को अपना करियर चुना. 2006 में बनारस में आतिशी और प्रवीण की धूमधाम से शादी हुई थी. राजनीति में प्रवेश से पहले काशी उनका स्थायी निवास था.
प्रवीण सिंह का परिवार वाराणसी के प्रतिष्ठित और बौद्धिक परिवारों में से एक है. आतिशी और प्रवीण की मुलाकात सामाजिक कार्यों के दौरान हुई, जहां दोनों ने ग्रामीण विकास और सामुदायिक उत्थान के लिए साथ मिलकर काम किया.
आतिशी ने 2019 में बताया था कि वह पंजाबी राजपूत हैं. उन्होंने मार्लेना सरनेम इस्तेमाल किया, जो कार्ल मार्क्स और व्लादिमीर लेनिन से लिया गया है. बीजेपी के आरोपों के बाद उन्होंने मार्लेना सरनेम यूज करना बंद कर दिया और सिर्फ आतिशी लिखती हैं.
आतिशी का राजनीतिक सफर
आम आदमी पार्टी (AAP) की स्थापना के समय से ही आतिशी पार्टी के साथ जुड़ी हुई हैं. 2013 के विधानसभा चुनाव के घोषणापत्र मसौदा समिति में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. पार्टी की शुरुआती नीतियों को आकार देने में भी आतिशी का अहम योगदान रहा. इसके अलावा, उन्होंने AAP की प्रवक्ता के रूप में भी काम किया. जुलाई 2015 से अप्रैल 2018 तक वह दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की सलाहकार रहीं और शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए कई अहम योजनाओं पर काम किया.
चुनावी सफर
2019 के लोकसभा चुनाव में आतिशी पूर्वी दिल्ली से AAP की उम्मीदवार थीं, लेकिन उन्हें बीजेपी के उम्मीदवार गौतम गंभीर से हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद, 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में उन्होंने कालकाजी से चुनाव लड़ा और बीजेपी उम्मीदवार को 11,000 से अधिक वोटों से हराकर जीत हासिल की.
2020 के विधानसभा चुनाव के बाद, पार्टी ने आतिशी को गोवा इकाई की जिम्मेदारी सौंपी, जिससे पार्टी में उनका कद और भी बढ़ा. अब, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उन्हें अपनी सबसे भरोसेमंद नेताओं में शामिल कर लिया है, जो उनकी पार्टी के भीतर बढ़ती अहमियत को दर्शाता है.