नरही वसूली कांड : SO समेत 20 आरोपी आज से पुलिस कस्टडी रिमांड पर, 55 घंटे की पूछताछ में उगलेंगे राज

बलिया के नरही वसूली कांड में सस्पेंड एसओ पन्नेलाल और सिपाही विष्णु यादव समेत 20 आरोपियों की पुलिस रिमांड कोर्ट ने मंजूर कर ली है. बुधवार को वाराणसी स्थित प्रभारी विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (प्रथम) रजत वर्मा की कोर्ट में आरोपियों की पेशी हुई

नरही वसूली कांड : SO समेत 20 आरोपी आज से पुलिस कस्टडी रिमांड पर, 55 घंटे की पूछताछ में उगलेंगे राज

बलिया के नरही वसूली कांड में सस्पेंड एसओ पन्नेलाल और सिपाही विष्णु यादव समेत 20 आरोपियों की पुलिस रिमांड कोर्ट ने मंजूर कर ली है. बुधवार को वाराणसी स्थित प्रभारी विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (प्रथम) रजत वर्मा की कोर्ट में आरोपियों की पेशी हुई. कोर्ट ने सभी को 55 घंटे रिमांड पर देने का आदेश दिया.

कस्टडी अवधि पहली अगस्त को दिन में 10 बजे शुरू होगी. कोर्ट ने आदेश की प्रति जेल अधीक्षक और विवेचनाधिकारी को देने का आदेश दिया है.

बता दें कि, बलिया के नरही थाना क्षेत्र में पिछले गुरुवार को भरौली चेकपोस्ट पर अवैध वसूली करने वाले दो सिपाहियों समेत 18 को वाराणसी एडीजी ने गिरफ्तार किया था. बाद में पुलिस ने नरही एसओ और हेड कांस्टेबल को भी पकड़ लिया था. सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया था. आरोपियों को रिमांड पर लेने के लिए नरही थाने के प्रभारी थानाध्यक्ष और विवेचक ने कोर्ट में अर्जी दी थी, जिसमें कहा था कि आरोपियों की गिरफ्तारी के समय उनके पास से 25 मोबाइल फोन, दो नोट बुक और अन्य सामान बरामद हुए हैं, जिसके बारे में आरोपियों से पूछताछ की जानी है.

जाने क्या था पूरा मामला

उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद में बिहार बॉर्डर पर पड़ने वाले भरौली में वसूली का तगड़ा सिंडिकेट चल रहा था. हर रोज 1 हजार ट्रकों से 500 रुपए प्रति ट्रक की वसूली होती थी. हर रोज ₹ 5 लाख की वसूली थानाध्यक्ष नरही पन्नेलाल के दलाल करते थे.  प्रति ट्रक ₹ 100 की भागीदारी भरौली पिकेट की सिपाहियों की भी थी, ताकि कोई किसी का विरोध न करे. दलालों को थानाध्यक्ष प्रत्येक माह वेतन देता था. यह खुलासा तब हुआ जब खुद एडीजी जोन वाराणसी पीयूष मोर्डिया और डीआईजी आजमगढ़ वैभव कृष्ण की अगुवाई में उनके कार्यालयों में तैनात पुलिसकर्मियों की संयुक्त टीमें गठित कर एडीजी वाराणसी और डीआईजी आजमगढ़ की टीमों ने छापेमारी की थी. इस मामले में एडीजी जोन वाराणसी ने थानाध्यक्ष, तत्कालीन चौकी प्रभारी सहित चौकी पर तैनात सभी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था. सीएम योगी ने मामले को संज्ञान लेकर सीओ को निलंबित किया, एसपी और एएसपी बलिया को हटाकर साइड लाइन किया गया था.