HealthTips: बरसात में तेजी से बदलता है तापमान, बच्चों के इम्यून सिस्टम का रखें ध्यान...

हीट स्ट्रोक के बाद मानसून आने से बारिश और धूप खासकर बच्चों के सेहत के लिए नुकसान दायक है. ऐसे में बच्चों के इम्यून सिस्टम का ध्यान रखना एक बड़ी चुनौती होती है.

HealthTips: बरसात में तेजी से बदलता है तापमान, बच्चों के इम्यून सिस्टम का रखें ध्यान...
  • बच्चों को न पहनाएं गीले कपड़े, इनसे हो सकते हैं फंगल इंफेक्शन

वाराणसी,भदैनी मिरर। हिट स्ट्रोक के बाद अब मानसून आने के साथ ही बारिश शुरू हो गई है। ऐसे में कई तरह की बीमारियों ने भी दस्तक देना शुरू कर दिया है। जो वयस्‍कों से ज्‍यादा बच्‍चों और बुजुर्गों को प्रभावित करेगा। ऐसे में बच्चों को होने वाली बीमारियों से किस तरह बचाये रखे इसके बारे में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ मिनहाज हुसैन बताते हैं कि बदलते मौसम का सबसे ज्यादा प्रभाव बच्चों के इम्‍यून सिस्‍टमपर भी पड़ सकता है। बारिश के मौसम में इंफेक्‍शन का खतरा भी बढ़ जाता है।

इसलिए कोशिश करें कि अपने बच्चे को बारिश में भीगने से बचाएं। इसके लिए छाते, रेनकोट और रेन बूट पहना कर ही बच्चों को बाहर निकलने दें। डॉ मिनहाज कहते हैं कि बरसात के मौसम के दौरान, तापमान में भी तेजी से गर्माहट और ठंडक का अनुभव होता है। दिन में गर्मी होती है और रात में ठंड ऐसे में बच्चों को ज्यादातर 27 अथवा 28 के तपमान में ही रखें। यदि घर मे एसी चलायें तो भी उसका तापमान 27 से 28 डिग्री ही रखें। साथ ही यदि रात में भी एसी या कूलर चलाएं तो उसे ज्यादा ठंड लगने पर बंद कर दें या  थोड़े मोटे कपड़े पहनाएं और चादर से ढंक दें ताकि उन्हें ठंड न लगने पाएं । रात में यह भी ध्यान रखें कि बच्चे के कपड़े पूरी तरह सूखे हों क्योंकि बरसात के मौसम में कपड़े नमी सोख लेते हैं, जिससे फंगल इंफेक्शन हो सकता है।

बरसात के मौसम में बच्चे को एक मिनट के लिए भी गीला डायपर न पहनने दें। सर्द या बरसात के दिनों में बच्चे अन्य मौसमों की तुलना में अधिक पेशाब करते हैं, जिससे उनकी स्किन पर रैशेज हो सकते हैं। इसके अलावा इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है और उन्हें ठंड भी लग सकती है। इसलिए, याद रखें कि जैसे ही आपको लगे कि आपके बच्चे की नैपी गीली या गंदी हो गई है, तो उसे तुरंत बदल दें।  इससे बच्चों को होने वाली बीमारियो और इंफेक्शन से बचाया जा सकता है।