स्वास्थ्य विभाग के टीम की छापेमारी से अस्पताल संचालकों में हड़कंप, एक अस्पताल सीज, दूसरे को 1 सप्ताह की मोहलत...
चंदौली जनपद में स्वास्थ्य विभाग की छापेमारी शुरु हो गई है. गुरुवार को टीम ने एक अस्पताल को सीज कर दिया है जबकि एक अस्पताल के संचालक को एक सप्ताह की मोहलत दी गई है.
चकिया, भदैनी मिरर। क्षेत्र के विजयपुरवा गांव स्थित मां भगवती हॉस्पिटल पर पहुंच कर एडिशनल सीएमओ अनूप कुमार, उप जिलाधिकारी ज्वाला प्रसाद तथा प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. विकास सिन्हा की संयुक्त टीम ने बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे अस्पताल को सीज कर दिया। वही संचालक के नाम से दोबारा हॉस्पिटल को संचालित न करने के संबंध में मुख्य द्वार पर नोटिस भी चस्पा की गई। इसके साथ ही चकिया नगर स्थित ग्लोबल डायग्नोस्टिक सेंटर में पहुंचकर अधिकारियों की टीम ने जांच पड़ताल किया। जहां मौके से संचालक के गायब होने पर 1 सप्ताह के अंदर उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने को कहा गया है।
आपको बता दें कि बीते 23 सितंबर को विजयपुर में स्थित मां भगवती हॉस्पिटल में मिर्जापुर जनपद के शेरवा गांव निवासी एक महिला प्रसव के लिए आई थी। जहां डॉक्टरों की लापरवाही के चलते उसकी मौत हो गई। जिसके बाद स्वास्थ्य महकमा हरकत में आया। जहां महिला की मौत के बाद परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा भी किया था जिसके बाद मौके पर पहुंचे उप जिलाधिकारी ज्वाला प्रसाद यादव व प्रभारी चिकित्सा अधिकारी ने मौके का जायजा लेकर स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट भी भेज दिया था। जहां गुरुवार को औचक निरीक्षण करने आए एडिशनल सीएमओ अनूप कुमार ने मां भगवती हॉस्पिटल के संचालक के नाम से नोटिस चस्पा करते हुए तत्काल प्रभाव से अस्पताल को सीज कर दिया।
चकिया नगर के ग्लोबल डायग्नोस्टिक सेंटर में जांच पड़ताल करते अधिकारी
इसके साथ ही अधिकारियों की टीम में चकिया नगर स्थित जिला संयुक्त चिकित्सालय के ठीक बगल में अवैध रूप से चल रहे ग्लोबल डायग्नोस्टिक सेंटर पर भी पहुंच कर छापेमारी की। इस दौरान बिना डॉक्टर के ही जांच सेंटर संचालित हो रहा था। जहां अस्पताल के संचालक को 1 सप्ताह के अंदर उपस्थित होने के लिए कहा। इसके साथ ही निर्देशित किया कि अगर समय से पहले उपस्थित नहीं हुए तो इस सेंटर को भी सीज कर दिया जाएगा।उन्होंने कहा कि क्षेत्र में कहीं भी अभिजात सेंटर बगैर डॉक्टरों के संचालित किया जा रहा है और अवैध तरीके से चल रहा है तो उसे तत्काल प्रभाव से मौके पर पहुंच कर जांच पड़ताल करने के बाद नोटिस देकर बंद कराए। मरीजों के साथ किसी भी प्रकार का कोई खिलवाड़ नहीं किया जाएगा।