श्वांस रोग विशेषज्ञ ने कहा ठंड के मौसम में बढ़ जाती है फेफड़ों से संबंधित बीमारियां, करें यह उपाय...
सर्दियों में अक्सर लोगों को सांस से जुड़ी समस्या होने लगती है । ऐसा बढ़ती ठंड और हवा में शामिल नमी के कारण होता है।
वाराणसी, भदैनी मिरर। सर्दियों में अक्सर लोगों को सांस से जुड़ी समस्या होने लगती है । ऐसा बढ़ती ठंड और हवा में शामिल नमी के कारण होता है। लेकिन अगर सांस ठीक से ना आए और बॉडी को पूरा ऑक्सीजन ना मिले तो सेहतमंद रहना संभव नहीं है, और पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन न मिलने से अस्थमा अटैक के साथ – साथ हार्ट अटैक की सम्भावना भी बढ़ जाती हैंI यह जानकारी एक परिचर्चा के दौरान ब्रेथ ईजी के वरिष्ठ श्वांस, टी.बी एवं अस्थमा रोग विशेषज्ञ डॉ. एस.के पाठक ने दी।
डॉ. पाठक ने बताया कि ठंड के मौसम में फेफड़ों से संबंधित बीमारियों के होने का खतरा सबसे ज्यादा बढ़ जाता है I खांसी में कफ है और कफ सीने में जकड़ जाए, तो सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। सांस की नली में सूजन, संक्रमण हो सकता है, जिससे फेफड़ों पर भी नकारात्मक असर हो सकता है। लगातार बलगम वाली खांसी होने का मतलब है कि फेफड़े हेल्दी नहीं हैं। इसमें ब्रोंकाइटिस (Bronchitis) होने की संभावना बढ़ सकती है। इससे लंग इंफेक्शन (Lung Infection) का रिस्क भी बढ़ सकता है।
डॉ पाठक ने बताया की कोरोना का कहर कम होने के बाद लोग बेधड़क होकर घरों से निकलने लगे हैं। ऐसे में लोगों को अपना इम्यूनिटी सिस्टम और फेफड़े को स्ट्रांग रखना बहुत जरूरी है । क्योंकि भीड़भाड़ और बाहरी वातावरण में स्वस्थ रहना किसी चुनौती से कम नहीं है। फेंफड़ों को स्ट्रांग करने के लिए रोजाना हल्की एक्सरसाइज करें। इसके लिए आप तेज चलें, दौड़े, स्विमिंग करें, साइकिल चलाएं, इससे सांस लेने की क्षमता बढ़ेगी और आपके फेफड़ों की कार्य क्षमता में भी सुधार होगा ।
इसके साथ ही हेल्दी डाइट लें, तला गला भोजन नहीं करना चाहिए, पौष्टिक आहार लें, पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन लें, ताकि आपकी श्वसन की मांसपेशियां और फेफड़ों की ताकत बढ़ें। इसके साथ-साथ धूम्रपान और शराब से दूरी बनाकर रखे, गुनगुने पानी का ही सेवन करे, अपने वजन को कंट्रोल में रखे और घर से बाहर निकलते समय मास्क लगाकर ही निकले, इससे आप किसी भी प्रकार के संक्रमण से बच पाएंगे।