हजारों महिलाओं ने एक साथ किया शिव तांडव स्त्रोत का पाठ, पुराधिपति को रिझाया...
वाराणसी, भदैनी मिरर। महाशिवरात्रि से पहले काशी के अस्सी स्थित गंगा घाट पर एक साथ एक हजार आठ महिलाओं ने शिव तांडव स्त्रोत का पाठ कर भगवान विश्वनाथ को रिझाया। फाउंडेशन फॉर हॉलिस्टिक डिप्लोमेटिक एडमिशन के तत्वावधान में महिलाओं ने अपने हाथ में दीपक लेकर शिव तांडव स्त्रोत का पाठ किया। कार्यक्रम में हैदराबाद, महाराष्ट्र केरल, भुवनेश्वर सहित देश के अन्य हिस्सों से आई महिलाओं ने हिस्सा लिया।
आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर समीर खंडेकर ने बताया कि कोविड-19 में माधुरी सहस्त्रबुद्धे स्नेह ने इस कार्यक्रम की शुरुआत की। सबसे पहले शिव तांडव स्त्रोत का उन्होंने खुद शिक्षा ली और फिर अपने भाई, बहनों, मित्रों को सिखाया। यह प्रक्रिया धीरे-धीरे बढ़ती रही और 2000 महिलाओं के घर में शिव तांडव स्त्रोत गया। 120 लीडरों द्वारा शिव तांडव स्त्रोत को घरों में दिखाया गया। उसी शिव तांडव स्त्रोत का आज समापन हुआ। यहां पर एक हजार आठ महिलाएं देश के विभिन्न हिस्सों से आकर इस अभियान में शामिल हुई तो बाकी महिलाएं ऑनलाइन जुड़ी।
उन्होंने बताया कि ऑनलाइन और ऑफलाइन मिलाकर लगभग 1400 महिलाओं ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। अगर समाज को दिशा देनी हो तो वह काम महिलाएं करती हैं। घर को दिशा देने का काम मातृशक्ति करती है वह माताएं होती हैं। बच्चे शिक्षित है लेकिन उसको दिशा देने का काम यह फाउंडेशन करता है जिसमें महिलाओं की अग्रणी भूमिका होती है। हमारा लक्ष्य है कि यह पॉजिटिव एनर्जी जो शिव तांडव स्त्रोत से उत्पन्न होती है वह घर घर तक पहुंचे और हमारा देश उन्नति करें अपनी संस्कृति और सभ्यता और परंपराओं से जुड़ा रहे।