व्यासजी के तहखाने को मिला नया नाम, नियमित होगी पांच आरतियां, जाने सब कुछ...
जिला जज अजय कुमार विश्वेस की अदालत से व्यास जी के तहखाने में राग- भोग, श्रृंगार-आरती अनुमति मिलने के बाद अब संत समाज ने भी दर्शन-पूजन किए है.
वाराणसी, भदैनी मिरर। जिला जज अजय कुमार विश्वेस की अदालत से व्यास जी के तहखाने में राग- भोग, श्रृंगार-आरती अनुमति मिलने के बाद अब संत समाज ने भी दर्शन-पूजन किए है. काशी विद्वत परिषद के पदाधिकारियों ने भी पूजन किया. काशी विद्वत परिषद ने व्यासजी के तहखाने को नया नाम "ज्ञान तालगृह" दिया है. जिस पर अखिल भारतीय संत समिति ने भी अपनी सहमति जताई है. अब व्यास जी का तहखाने को ज्ञान तालगृह के नाम से जाना जाएगा.
पांच पहर की होगी आरती
तहखाने में पांच आरती होगी. इसके लिए समय भी निर्धारण कर दिया गया है. आरती की शुरुआत भोर साढ़े 3 बजे मंगला आरती से होगी. वहीं शयन आरती का समय रात्रि साढ़े 10 बजे निर्धारित किया गया है. तय समय सारिणी के मुताबिक मंगला आरती सुबह 3:30 बजे, भोग आरती दोपहर 12 बजे, अपरान्ह आरती शाम 4 बजे, सांयकाल आरती शाम 7 बजे और शयन आरती रात्रि 10:30 बजे होगी. वर्ष 1993 के बाद तहखाने में पहली पूजा बुधवार की रात में ही शुरु करवा दी गई.
व्यास परिवार ने की तत्काल पूजा शुरु करने की मांग
सोमनाथ व्यास (अब स्वर्गीय) के नाती शैलेंद्र पाठक ने जिला जज अजय कुमार विश्वेस के आदेश के बाद बुधवार शाम ही जिलाधिकारी से मिले और तहखाने में तत्काल पूजा शुरु कराने की मांग की. कोर्ट के आदेश और मांग को देखते हुए जिलाधिकारी और जिला प्रशासन ने शासकीय अधिवक्ताओं ने कानूनी सलाह ली. बैठक कर हर पहलुओं पर चर्चा की और फिर एएसआई सर्वे के रिपोर्ट का अध्ययन करवाया. जिसके बाद कोषागार खोलने की अनुमति दी गई.
डीएम की सुपुर्दगी में दी गई थी 259 सामग्रियां
एएसआई ने सर्वे के दौरान जुटाई गई 259 सामग्रियां डीएम एस. राजलिंगम की सुपुर्दगी में दी थी. एएसआई ने सर्वे रिपोर्ट में बताया था कि हनुमान की दो, विष्णु और गणेश की एक, दो शिवलिंग और एक मकर प्रतिमा मिली है. जिसके बाद चिन्हित कर कोषागार में रखे गए सामग्रियों से अलग कर तहखाने पहुंचाया गया. चिन्हित करने में अफसरों को लगभग दो घंटे का वक्त लगा.
कानून व्यवस्था बनाए रखना अहम जिम्मेदारी
कोर्ट के आदेश का अनुपालन कराने में कानून-व्यवस्था न बिगड़े, नारेबाजी और अफवाह न फैले इसको लेकर पुलिस प्रशासन अलर्ट रही. नंदी के सामने बैरिकेडिंग से रास्ता बनाने के लिए एक टीम को ज्ञानवापी भेजा गया. सलाह लेने के बाद चार फिट का मार्ग बनाने की सलाह दी गई, लेकिन इसके लिए जिला प्रशासन ने श्री काशी विश्वनाथ के शयन आरती का इंतजार किया. जैसे ही शयन आरती के बाद श्रद्धालु मंदिर से बाहर निकले उसके बाद जिला प्रशासन ने कोर्ट के आदेश का अनुपालन करवाया. रात में ही जिला प्रशासन ने आरती तक करवाई. प्रक्रिया पूरी होने के बाद जिला प्रशासन ने मीडिया को जानकारी दी.