वाराणसी: पंचबदन चल रजत प्रतिमा को लेकर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का फरमान! अब क्या करेगा महंत परिवार?
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने एक विज्ञप्ति जारी यह जानकारी दी कि, पंचबदन चल रजत प्रतिमा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में लाये जाने हेतु मंदिर प्रशासन को दो पक्षों द्वारा अलग-अलग पत्र प्रेषित किये गये है।
वाराणसी, भदैनी मिरर। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने एक विज्ञप्ति जारी यह जानकारी दी कि, पंचबदन चल रजत प्रतिमा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में लाये जाने हेतु मंदिर प्रशासन को दो पक्षों द्वारा अलग-अलग पत्र प्रेषित किये गये है। दिवंगत महंत डा. कुलपति तिवारी व उनके भाई के बीच दो शाखाओं का असली मूर्ति व श्रृंगार परंपरा के निर्वहन के संबंध में आपस में विवाद है। दोनों पक्षकार बनकर कोर्ट केस भी लड़ रहे हैं। ऐसे में दो परिवारों से प्राप्त हुए परस्पर विरोधी दावों के आलोक में मंदिर प्रशासन द्वारा विधिक स्थिति का आकलन किया गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि, कोई शोभायात्रा मंदिर न्यास के प्रबंधन से बाहर की प्रतिमा से व बाहर के स्थान से नहीं की जाएगी। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ऐसे किसी पारिवारिक विवाद से दूर रहना चाहता है। मंदिर न्यास के पास स्वयं की मूर्ति, पालकी आदि की समस्त व्यवस्था एवं संसाधन हैं जिससे प्रचलित परम्परा का पूर्ण निर्वहन मंदिर प्रांगण के भीतर ही किया जाएगा। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास द्वारा मंदिर की स्वयं की चल प्रतिमा से श्रावण मास के अंतिम सोमवार को होने वाले झूला श्रृंगार का परम्परागत निवर्हन किया जायेगा। इसकी पूरी तैयारी की जा चुकी है। मंदिर न्यास का बाहरी मूर्तियों या किसी के घर व परिवार द्वारा की जा रही उनकी पूजा से कोई सरोकार नहीं है। मंदिर न्यास द्वारा सावन के अंतिम सोमवार को पूर्व से भी भव्य रूप से अपनी स्वयं की चल प्रतिमा के द्वारा बाबा विश्वनाथ के झूलनोत्सव की परंपरा का निर्वहन किया जाएगा।