वाराणसी: बारिश के बाद विश्वेरगंज में गिरा 100 साल पुराना जर्जर मकान, तीन किरायेदार बाल-बाल बचे

कोतवाली क्षेत्र में गुरुवार की दोपहर बारिश के बाद एक पुराना दो मंजिला मकान धराशायी हो गया. मकान गिरने की आवाज सुनकर क्षेत्र में हड़कंप मच गया और आस-पास के लोग दौड़कर मौके पर पहुंचे.

वाराणसी: बारिश के बाद विश्वेरगंज में गिरा 100 साल पुराना जर्जर मकान, तीन किरायेदार बाल-बाल बचे

वाराणसी, भदैनी मिरर। कोतवाली क्षेत्र में गुरुवार की दोपहर बारिश के बाद एक पुराना दो मंजिला मकान धराशायी हो गया. मकान गिरने की आवाज सुनकर क्षेत्र में हड़कंप मच गया और आस-पास के लोग दौड़कर मौके पर पहुंचे. जब मकान गिरा, उस समय तीन किरायेदार अपने-अपने कमरों में थे, लेकिन कमरे की दीवारें सुरक्षित रहने के कारण वे बाल-बाल बच गए। उनकी चीखें सुनकर पड़ोसियों ने उन्हें बाहर निकलने के लिए आवाज लगाई, जिसके बाद तीनों को पीछे के रास्ते से सुरक्षित बाहर निकाला गया.

विश्वेरगंज के पत्थर गली में स्थित यह मकान गोपाल नारायण गौर का पैतृक निवास है. गोपाल का परिवार चौक पर एक अन्य मकान में रहता है, जबकि जतनबर स्थित इस दो मंजिला भवन को किराए पर दिया गया था.

बता दें कि यह मकान लगभग 100 साल पुराना था, जिसमें दरारें आ गई थीं और नगर निगम को इसे गिराने के लिए नोटिस भी जारी किया गया था. इस घटना में मकान का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा ढह गया. घटना की सूचना मिलने पर मकान मालिक और पुलिस तुरंत मौके पर पहुंचे, जबकि नगर निगम के कर्मचारी भी वहां पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया.

गुरुवार सुबह बारिश के दौरान छत से पानी रिसने लगा और दीवारों से अंदर पानी जाने लगा. दोपहर के समय धूप निकलने पर जैसे ही मिट्टी सूखी, ईंटें गिरने लगीं। लोगों ने गली में ईंटें गिरती देखकर आवागमन बंद कर दिया. किरायेदारों को बाहर आने के लिए आवाज दी गई, लेकिन अंदर दबने के डर से कोई भी बाहर नहीं निकला और सभी पीछे के कमरे में छिप गए. कुछ ही समय बाद पूरा मकान तेज आवाज के साथ गिर पड़ा.

इस घटना से मोहल्ले में हड़कंप मच गया और सभी ने सोचा कि तीनों किरायेदार दब गए हैं, जिसके बाद पुलिस को सूचित किया गया. लेकिन जब किरायेदारों को सुरक्षित बाहर निकाला गया, तब सबकी जान में जान आई. सूचना मिलते ही कोतवाली थाने की फोर्स और एनडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंची.

मकान मालिक गोपाल नारायण ने बताया कि उन्होंने नगर निगम को तीन बार मकान की जर्जर स्थिति की जानकारी दी थी और गिराने के लिए अनुरोध किया था. अगस्त में भी एक पत्र भेजकर कार्रवाई की अनुमति मांगी थी, लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला.