हत्यारोपी को आजीवन कारावास: 29 वर्ष पुराने चर्चित अजय यादव हत्याकांड में आया फैसला, दो आरोपियों की हो चुकी है मृत्यु...
वाराणसी एमपी एमएलए कोर्ट ने 29 साल पूर्व हुए चर्चित हत्याकांड में फैसला सुनाया है.
वाराणसी, भदैनी मिरर। विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम / एमपी-एमएलए कोर्ट के प्रभारी अवनीश गौतम की अदालत ने 29 वर्ष पुराने चर्चित अजय यादव हत्याकांड में कुसुरना केराकत जौनपुर निवासी मुकेश सिंह को आजीवन कारावास और 70 हजार रुपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है. अदालत ने कहा कि अभियोजन द्वारा यह साबित किया गया है कि अभियुक्त मुकेश व अन्य आरोपियों ने सामान्य आश्य के साथ वादी अब्दुल कलाम के घर में आग्नेयास्त्रो के साथ प्रवेश किया और जान से मारने की नियत से अजय यादव तथा नरेश यादव पर असलहे से फायर किया गया। जिससे परिणामस्वरूप अजय यादव की मृत्यु हो गई। अदालत में अभियुक्त मुकेश को जानलेवा हमले और हत्या के अभियोग में दोषी पाया। सजा के बिंदु पर अभियुक्त की ओर से कहा कि वह गंभीर रूप से बिमार है लीवर सिरोसिस से पीड़ित हैं। न्यायालय में व्हीलचेयर पर आया है। ऐसे में उसे न्यूनतम दंड दिया जाये। जबकी डीजीसी फौजदारी ने कहा कि अभियुक्त ने आग्नेयास्त्र दिन दहाड़े हमला कर गंभीर अपराध किया हैं। ऐसे में उसे अधिकतम सजा दिया जाये। कोर्ट में डीजीसी फौजदारी आलोक चंद्र शुक्ला और वादी पक्ष के अधिवक्ता अनुज यादव ने सजा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। इस मामले में दो आरोपियों मुरली सिंह और रणशेर सिंह की विचारण के दौरान मृत्यु हो गई।
अभियोजन के अनुसार वादी एवं तत्कालीन सभाषद व पूर्व विधायक अब्दुल कलाम ने 29 जनवरी 1994 को कैंट थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। जिसमें कहा गया कि साढ़े दस बजे पूर्वाह्न अपने चाचा मोहम्मद शफीउल्लाह के कमरे में अजय यादव व आनंद के साथ बैठकर वादी बातचीत कर रहा था। उसी समय रणशेर सिंह अपने हाथ में दो नाली बंदूक लिये तथा उसका साथी मुकेश सिंह हाथ में रिवाल्वर लिये। राकेश सिंह कट्टा लिये थे। एक और आदमी था जो कट्टा लिया था। अंदर आ गये और रणशेर सिंह ने अजय पर फायर कर दिया।
जिससे वह सोफ़े पर गिर पड़े मुकेश ने अपनी रिवाल्वर से गोली चलाई जो नरेश को लगी। दो अन्य आरोपियों ने भी गोली चलाई। इस दौरान शोर पर सभी अभियुक्त कालोनी में पहले से खड़ी यूटीएन रंग (सफेद रंग) की अम्बेस्डर गाड़ी में बैठकर भाग गये। दोनों घायलों को कबीरचौरा अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिसमे अजय यादव की मृत्यु हो गयी। अदालत में विचारण के दौरान कुल 8 गवाह पेश किये गये। यह वारदात वर्चस्व की लडाई और गैंगवार में होना बताया गया। अदालत में विचारण के बाद अभियुक्त को दोषी पाया और जानलेवा हमले में दस वर्ष की कड़ी कैद और 30 हजार रुपये जुर्माना और हत्या में आजीवन कारावास और 40 हजार रुपये जुर्माना की सुनाई।