केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां का 70 वर्ष की उम्र में निधन, दिल्ली एम्स में तीन महीनों से थी एडमिट

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां माधवी राजे सिंधिया का बुधवार की सुबह 70 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. माधवी राजे लंबे समय से बीमार चल रही थीं उन्हें 15 फरवरी को दिल्ली एम्स हॅास्पिटल में एडमिट कराया गया था. 

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां का 70 वर्ष की उम्र में निधन, दिल्ली एम्स में तीन महीनों से थी एडमिट

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां माधवी राजे सिंधिया का बुधवार की सुबह 70 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. माधवी राजे लंबे समय से बीमार चल रही थीं उन्हें 15 फरवरी को दिल्ली एम्स हॅास्पिटल में एडमिट कराया गया था.

पिछले कुछ दिन से वह वेंटिलेटर पर थीं

दिल्ली के एम्स से जुड़े सूत्रों ने कहा कि माधवी राजे पिछले कुछ दिन से वह वेंटिलेटर पर थीं और जिंदगी के लिए संघर्ष कर रही थीं. उन्हें सेप्सिस के साथ निमोनिया भी हो गया था.

भाजपा के कद्दावर नेता और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां राजमाता माधवी राजे सिंधिया मूल रूप से नेपाल की रहने वाली थीं. उनका नेपाल के राजघराने से संबंध था. उनके दादा जुद्ध शमशेर बहादुर नेपाल के प्रधानमंत्री थे. साल 1966 में उनका माधवराव सिंधिया के साथ विवाह हुआ था.

15 फरवरी को किया गया था भर्ती

माधवी राजे को सांस में तकलीफ होने पर 15 फरवरी को दिल्ली के एम्स में भर्ती किया गया था. वह लाइफ सपोर्ट सिस्टम (वेंटिलेटर) पर थीं। खुद ज्योतिरादित्य ने गुना में चुनाव प्रचार के दौरान राजमाता के बीमार होने की जानकारी दी थी.

सिंधिया कार्यालय से यह बयान किया गया जारी 

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कार्यालय से जारी बयान में कहा गया है कि "बड़े दुःख के साथ ये साझा करना चाहते हैं कि राजमाता साहब नहीं रहीं. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की माता व ग्वालियर राज घराने की राजमाता माधवी राजे सिंधिया जी का इलाज पिछले दो महीनों से दिल्ली के एम्स अस्पताल में चल रहा था. पिछले दो सप्ताह स्थिति बेहद क्रिटिकल थी. आज सुबह 9.28 बजे उन्होंने दिल्ली के एम्स अस्पताल में आखिरी सांस ली.

राजमाता माधवी राजे सिंधिया का अंतिम संस्कार ग्वालियर में होगा. इससे पहले आज दोपहर तीन बजे से शाम सात बजे तक उनका पार्थिव शरीर नई दिल्ली स्थित आवास 27 सफदरजंग रोड पर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा, इसके बाद उन्हें अंतिम संस्कार के लिए ग्वालियर लाया जाएगा