बीएचयू प्रोफेसर समेत दो को मिली अंतरिम अग्रिम जमानत, जाने क्या है पूरा मामला...

जमीन बेचने के नाम पर एक व्यक्ति से लाखों रुपए की धोखाधड़ी करने व पैसे मांगने पर गालियां देते हुए जान से मारने की धमकी देने के मामले में राहत मिल गई.

बीएचयू प्रोफेसर समेत दो को मिली अंतरिम अग्रिम जमानत, जाने क्या है पूरा मामला...

वाराणसी, भदैनी मिरर। जमीन बेचने के नाम पर एक व्यक्ति से लाखों रुपए की धोखाधड़ी करने व पैसे मांगने पर गालियां देते हुए जान से मारने की धमकी देने के मामले में राहत मिल गई. प्रभारी जिला जज अनुतोष कुमार शर्मा की अदालत ने आरोपित प्रो. कमलेश कुमार जैन और अभिनंदन जैन को 50-50 हजार रूपए के दो जमानतें एवं बंधपत्र देने पर अंतरिम अग्रिम जमानत दे दी. साथ ही नियमित अग्रिम जमानत के लिए 15 जनवरी की तिथि नियत कर दी. अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अनुज यादव व अंशुमान त्रिपाठी ने पक्ष रखा.

अभियोजन पक्ष के अनुसार नासिरपुर, चितईपुर निवासी परिवादी बृजेश दीक्षित ने अदालत में परिवाद दाखिल किया था. आरोप था कि सरायसुरजन, बजरडीहा निवासी अभिनन्दन जैन ने परिवादी से मिलकर करौंदी स्थित अपनी 3400 वर्गफीट जमीन को बेचने की बातचीत परिवादी से मुबलिंग 37 लाख रूपये में तय की थी, जो उसके पिता कमलेश जैन के नाम पर थी. उक्त जमीन के क्रय करने हेतु अग्रिम धनराशि 50 हजार रूपये परिवादी ने 6 जनवरी 2020 को अपने परिचित कृष्ण कुमार के खाते से कमलेश कुमार जैन के खाते में जरिये अकाउन्ट पेयी चेक दिया था. उक्त धनराशि के अलावा परिवादी ने भिन्न-भिन्न तारीखों पर दोनों आरोपितों को कुल 18.25 लाख रूपये नगद दिया. इस बीच प्रार्थी को जमीन की छानबीन करने पर पता चला कि तयशुदा जमीन के बाबत मुकदमा चल रहा था, जिसे कमलेश कुमार जैन हार चुके है. इस पर परिवादी ने उनसे कहा कि आप धोखा देकर मुझसे कुल 18.25 लाख रूपये ले लिये है, उसे वापस कर दीजिए. इस पर आरोपित अभिनंदन जैन ने परिवादी को जान से मारने की धमकी देते हुए भद्दी-भद्दी गाली देने लगा और कहा कि तुम्हे जमीन अब  37 लाख रूपये में नही, बल्कि 50 लाख रूपये में खरीदनी पड़ेगी, वरना अपना दिया पैसा भूल जाओ. परिवादी क्षेत्र के कुछ मानिन्द व्यक्तियों से बातचीत कर अपने साथ लेकर आरोपितो के घर गया तो  कमलेश जैन ने उसको धनराशि के वापसी के मद में  22 लाख रूपये का चेक दिया, परन्तु चेक भुगतान हेतु बैंक में लगाने से मना कर दिया और चेक की तारीख के पहले ही मूल चेक लेकर नगद भुगतान करने का आश्वासन दिया, लेकिन काफी दौडाने के बाद भी उसका पैसा वापस नहीं किया. इसकी शिकायत पुलिस से करने के बाद जब कोई कार्यवाही न हुई तो उसने अदालत की शरण ली. अदालत ने इस मामले में दोनों आरोपितों को तलब किया था.