जानलेवा हमले में विद्यापीठ के छात्र नेता समेत तीन बरी, साक्ष्य के आभाव का मिला लाभ...
वाराणसी अपर जिला जज (तेरहवां) की कोर्ट ने वर्ष 2019 के प्रकरण में विद्यापीठ के छात्र नेता सहित तीन को साक्ष्य के आभाव में संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया.
वाराणसी, भदैनी मिरर। जानलेवा हमले के मामले में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के छात्र नेता समेत तीन आरोपितों को अदालत से राहत मिल गयी। अपर जिला जज (तेरहवां) मनोज कुमार सिंह की अदालत ने ग्राम सीरगोवर्धनपुर, लंका निवासी अखिलेश यादव, ग्राम मलहिया, थाना लंका निवासी सौरभ पांडेय व ग्राम परासी खुर्द, थाना शहाबगंज, चन्दौली निवासी कुमार शिवम् को साक्ष्य के आभाव में संदेह का लाभ देतें हुए दोषमुक्त कर दिया। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव व विकास सिंह ने पक्ष रखा।
अभियोजन पक्ष के नारायणपुर डाफी निवासी रोहित सिंह ने 8 दिसंबर 2019 को लंका थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि 8 दिसंबर 2019 को सुबह काल भैरव मंदिर से दर्शन कर घर जा रहा था। वह जैसे ही पंचायत भवन सुसवाही के पास पहुंचा। तभी पिछे से 7-8 मोटरसाइकिलों से 12 से 15 लोग हुडदंग करते हुए आये और उसे धक्का मारकर गिरा दिया। अभी वह उठने का प्रयास कर ही रहा था कि उनलोगों ने घेरकर सड़क किनारे रखीं हुई ईटो से उसके सिर व शरीर पर बेतहाशा हमला कर दिये। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। किसी तरह लहूलुहान हालत में वह वहां से अपनी जान बचाकर भागा और समींष सिंह के घर छिप गया। इस बीच समीष सिंह व अन्य लोगों के विरोध करने पर वह लोग वहां से भागने लगे। इसपर स्थानीय लोग लोगों ने सौरभ पांडे नामक व्यक्ति को पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया। पूछताछ में उसने साथी काशी विद्यापीठ के छात्र नेता अखिलेश यादव व कुमार शिवम का नाम बताया। जिसके बाद पुलिस ने उसे आरोपित बना दिया।